कासिम खलील, बुलढाणा(महाराष्ट्र), NIT; जलपिंपल गांव परिक्षेत्र में नर-मादा तेंदुए के दिखाई देने के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहोल फैला हुआ था, इसी बीच खेत की वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए लगाईं गई जाली में फंसने के बाद लोगों की भीड़ के खौफ से मादा तेंदुए की मौत हो जाने के बाद नर तेंदुए का परिक्षेत्र में और भी डर फ़ैल गया था। तत्पश्चात वन विभाग ने पिंजरा लगाकर 13 फ़रवरी की रात में इस नर तेंदुए को पकड़ने के बाद 14 फ़रवरी की रात में मेलघाट की वां सेंचुअरी में सुरक्षित छोड़ दिया है जिस से ग्रामस्थों को सुकून मिल गया है।बुलढाणा ज़िले की सिंदखेड राजा तहसिल अंतर्गत ग्राम जलपिंपल गांव, उगला परिक्षेत्र में किसानों को तेंदुए का एक जोड़ा नज़र आ रहा था जिसके कारण लोग खेतों में जाने से कतरा रहे थे। 4 फ़रवरी को जलपिंपलगांव से सटे ओमकार बापू भालेराव के कपास की फसल के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने जाल लाया हुआ था, जिसमें एक मादा तेंदुए फंसा हुआ नज़र आने के बाद बड़ी संख्या में वहां भीड़ जमा हो गईरऔर जिससे घबराहट में तेंदुए की मौत हो गई थी। भीड़ को इस मौत का ज़िम्मेदार मानते हुए वन विभाग ने अज्ञात लोगों के खिलाफ वन गुन्हा दर्ज कर लिया था।मादा तेंदुए की मौत के बाद नर तेंदुआ आक्रमक हो जाएगा, जनता के इस खौफ को भांपते हुए बुलढाणा डीएफओ बी.टी.भगत ने तत्काल उसी इलाके में ट्रैप कैमरे और पिंजरा लगाया ताकि कोई अनुचित घटना न घटे और आखिरकार 13 फ़रवरी की रात में यह नर तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। अकोट वन्यजीव विभाग के डीएफओ लाकरा की सम्मति और अमरावती सिसिएफ संजीव गौड़ के निर्देश पर बुलढाणा डीएफओ भगत के मार्गदर्शन में बुलढाणा एसीएफ बी.ए. पोल, देवलगांव राजा आरएफओ ई.पी. सोलंकी, अकोट वन्यजीव विभाग के एसीएफ विनोद डेनकर, वान आरएफओ सुरेश खराटे, सोमठाणा आरएफओ कमलेश पाटिल, मोबाइल स्कॉड आरएफओ एस.डब्ल्यू.सोलंके की मौजूदगी में बुलढाणा रेस्क्यू टीम के राहुल चौहान,संजय राठोड, समाधान मानटे, मेरत, देवीदास वाघ, गौरव खरे व वन्यजीव विभाग के कर्मियों की मदद से 14 फ़रवरी की रात में 9 बजे के करीब इस तेंदुए को वान सेंचुअरी के बारुखेड़ा के जंगल में छोड़ दिया गया है।
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