फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT;
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों की बेहतर सुरक्षा व उनकी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर ले उसके त्वरित निस्तारण करने के सख्त निर्देश जारी कर रही है पुलिस अपना रवैया बदलने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है जिस कारण योगी सरकार के दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं। बच्चियों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर लगाम कसने में उत्तर प्रदेश पुलिस एक तरह से नाकाम ही साबित हो रही है। कई मामले तो ऐसे हैं कि पुलिस नाबालिगों के साथ हूई दरिंदगियों की प्राथमिकी बिना दर्ज किये ही मामले को कहीं आपसी रंजिश, तो कहीं प्रेम प्रसंग बता कर अपना पल्ला झाड़ लेती है और इन बच्चियों के उत्पीड़न की प्राथमिकी तक दर्ज करना उचित नहीं समझती है। ऐसा ही एक मामला यूपी के बहराइच जिले में सामने आया है।यहां एक 14 वर्षीय नाबालिग को बंधक बना कर 8 दिनों तक गैंगरेप किया गया फिर भी पुलिस कार्रवाई तो दूर प्राथमिकी तक दर्ज करने को तैयार नहीं है जिस कारण पीड़िता अपने पिता के साथ उच्च अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने को मजबूर हो रही है।
बताते चलें कि दरगाह थाना इलाके के बेहननपुरवा निवासी पीड़िता के पिता का आरोप है की श्रावस्ती निवासी तीन युवकों ने पहले तो उसकी बेटी का अपहरण किया और फिर उसको 8 दिनों तक बंधक कर उसके साथ सामूहिक रूप से दरिंदगी को अंजाम दिया। बेटी के अचानक गायब होने से परेशान पिता ने उसकी तलाश शुरू की जिसके करीब 8 दिनों बाद पुलिस के ज़रिये बेटी तो वापस घर छोड़ दी गई लेकिन इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित परिजन के अनुसार अपहरण करने आये दबंग मौके पर अपनी मोटरसाइकिल भी छोड़ कर भाग गाये थे जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई थी बावजूद इसके आज तक न तो पीड़िता का मेडिकल परिक्षण करवाया गया और न ही आरोपियों को पकड़ा गया है। अपने पिता के साथ एसपी कार्यालय पहुंची नाबालिग ने 3 लोगों पर अपहरण और बंधक बना कर गैंगरेप करने की बात कही है। पिता के साथ एसपी ऑफिस पहुंची नाबालिग ने पुलिस अधीक्षक को अपनी आपबीती सुनाई जिस पर त्वरित दरगाह थाना पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। वही पुलिस इस मामले को प्रेम प्रसंग का विवाद बता रही है। पुलिस के मुताबिक आरोपी दबंगों के गांव में ही पीड़िता की बहन की ससुराल है जिससे उसका वहां आना जाना था और इसी से मामला सामने आया है। सवाल यह है कि अगर पुलिस की ही बात मान ली जाये तो क्या एक नाबालिग को प्रेमप्रसंग के जाल में फंसा उसके साथ दरिंदगी अंजाम देना संगीन जुर्म नहीं है? आखिर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध पाक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की? क्या यही है सभाराज पुलिस की बेहतर पुलिसिंग व्यव्यस्था???
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