Edited by Pawan Paroothi, नई दिल्ली, NIT;
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को केंद्र सरकार को सलाह दी है कि शादियों में होने वाले खर्च का ब्योरा देना सरकार अनिवार्य करे। अगर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अमल करती है तो आने वाले दिनों में आपको अब अपने घरों में होने वाले शादी-विवाह के खर्चे का पूरा लेखा-जोखा केंद्र सरकार को देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह शादी में हुए खर्चों का हिसाब किताब बताना अनिवार्य करने पर विचार करे।
दहेज जैसे कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए उठाए ये कदम
दहेज जैसे कुप्रथा और शानो-शौकत में खर्च किया जाने वाले पैसे पर लगाना लगाने के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को ये सलाह दी है। कोर्ट ने कहा कि वर-वधू दोनों पक्षों को शादी पर हुए खर्चों को समैरिज ऑफिसर को बताना अनिवार्य कर देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कदम से दहेज के लेन-देन पर भी लगाम लगेगी साथ ही दहेज कानूनों के तहत दर्ज होने वाली फर्जी शिकायतें भी तब कम होंगी।
तयशुदा खर्च में से एक हिस्सा लड़की के बैंक अकाउंट में जमा हो
कोर्ट ने कहा कि, सरकार को इस बारे में नियम- कानून की जांच-परख करके संशोधन पर भी विचार करना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए तयशुदा खर्च में से एक हिस्सा लड़की के बैंक अकाउंट में जमा करवाया जा सकता है ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सके। कोर्ट ने कहा कि इसे अनिवार्य करने पर भी सरकार विचार कर सकती है।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिंहा से असिस्ट करने को कहा
कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बाबत एक नोटिस जारी कर कहा है कि सरकार अपने लॉ-ऑफिसर के जरिए इस मामले पर अपनी राय से कोर्ट को अवगत करवाए। अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिंहा से निवेदन किया है कि वह कोर्ट को असिस्ट करें। सुप्रीम कोर्ट एक शादी के विवाद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस पर सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए शादी के खर्च का ब्यौरा मैरिज ऑफीसर के पास जमा कराने पर सुझाव मांगा है।
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