वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT; उत्तर प्रदेश में जहां सरकारी डाक्टरों व स्टाफ की लापरवाही आए दिन सामने आती रहती है वहीं प्रदेश में झोलाछाप डाक्टरों का कारोबार भी काफी फल फूल रहा है। हद तो यह कि प्रदेश में कई इलाकों में झोलाछाप डाक्टरों ने बाकायदा अस्पताल खोल रखा है जिससे जहाँ मरीजों के जेब पर डाका डाला जा रहा है वहीं उनकी जिंदगी भी दांव पर लगी रहती है।उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के निघासन तहसील के प्रीतमपुरवा के अंतर्गत सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की मिलीभगत से गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर संतराम मौर्या निवासी प्रीतम पुरवा अपने ही घर के अन्दर अबैध तरीके से अस्पताल चला रहे है जिसमें आला अफसरों की मिलीभगत से गांव वालों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जनपद का जो भी पत्रकार खबर लगाकर मामला को उजागर करने की कोशिश करता है उसे जान से मरने व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिलने लगती है। वही के एक पत्रकार को आज भी धमकियां दी जा रही हैं।
जब कोई अनहोनी हो जाती है या जब कोई गरीब इनका का शिकार हो जाता है तब सरकार की नींद खुलती है। आखिर समय रहते जिला प्रशासन ऐसे अस्पतालों पर ध्यान क्यों नहीं देता है जो इलाज के नाम पर मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं???
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