मेहलका अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT;
एक दिवसीय बुरहानपुर प्रवास पर पहुंची महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस दीदी से वाल्मीक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने अपने आवास के मालिकाना हक संबंधी समस्या लेकर शिकारपुरा स्थित रेस्ट हाउस में मुलाक़ात की तथा मंत्री चिटनीस को ज्ञापन देकर 70 वर्ष से अधिक से जर्जर मकानों में रह रहे बुरहानपुर के विभिन्न वार्डों के वाल्मीकि समाज के लोगों को मालिकाना हक देने की गुहार लगाई।समाजजनों का आरोप है कि मंत्री अर्चना चिटनीस ने उनकी समस्या को गंभीरता से न लेते हुए वाल्मीकि समाज के लोगों को निराश करते हुए वहां से लौटा दिया और मालिकाना हक संबंधी मामले में टालमटोल कर पल्ला झाड़ लिया। समाजसेवी उमेश जंगाले ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की सभी नगर पालिक निगम को जारी किए गए आदेश जिसमें सफाई कर्मियों को मालिकाना हक प्रदान करने का उल्लेख है, जो कि सन 2002 में जारी किया गया था। समाज के लोगों ने मंत्री चिटनीस को मध्य प्रदेश शासन के आदेश का लेटर भी बताया परंतु उन्होंने शासन के आदेश के लेटर को भी मानने से इनकार कर दिया। देखा जाए तो निगम द्वारा आवंटन किए गए क्वार्टर वर्तमान में बुरी तरह से जर्जर अवस्था में है जिसमें आए दिन हादसे हो रहे हैं। समाजसेवी उमेश जंगाले ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है, कि जिम्मेदार मंत्री होते हुए भी ऐसे मामलों में गंभीर दिखाई नहीं दे रही हैं। शायद इनको चुनावी साल में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़े। मंत्री अर्चना चिटनीस को ज्ञापन देने के बाद वाल्मीकि समाज के लोग नगर पालिक निगम पहुंचे और महापौर अनिल भोसले से भेंट कर उन्हें मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी किया गया मालिकाना हक प्रदान करने का लेटर सौंपा गया। जिसे महापौर अनिल भोसले ने गंभीरता से लेते हुए जल्दी ही मालिकाना हक संबंधी कार्यवाही प्रारंभ करने एवं उचित कार्रवाई करने का समाज जन को आश्वासन दिया। ज्ञापन देते वक्त हुकुम जंगाले, अनिल पारोचे, अर्जुन जंगाले, मिथुन सिंगोतीया, अजय जंगाले, राजा जंगाले, कैलाश सोदे, नितिन डूलगुज आदि साथी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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