दयाशंकर पांडेय, इलाहाबाद (यूपी), NIT;
इलाहाबाद में करीब 600 पुलिस कर्मी लापता हैं। अचरज की बात यह है कि उनकी तनख्वाह तो बन रही है लेकिन तैनाती कहां है, वह क्या-क्या काम कर रहे हैं, यह किसी को पता नहीं है। सालों से इन पुलिस कर्मियों ने अपनी आमद सत्यापित नहीं कराई है। रिकार्ड न मिलने पर महकमे में खलबली मची हुई है। इसे पुलिस महकमे में बड़ा गड़बड़झाला माना जा रहा है।
एसएसपी नितिन तिवारी ने ट्रेजरी और जिले में तैनात पुलिस कर्मियों की लिस्ट का मिलान किया तो 600 पुलिस कर्मियों का फर्क पकड़ में आया। बिना ड्यूटी के, तनख्वाह लेने वाले इन पुलिस कर्मियों की जांच शुरू हो गई है। एसएसपी ने सभी पुलिस कर्मियों की तनख्वाह रोकने का निर्देश दिया है। दरअसल अभी तक जिले की पुलिस का ज्यादातर वर्क पेपर पर चल रहा था। एसएसपी ने जिले का पूरा सिस्टम ऑनलाइन करा दिया है। ऐसा साफ्टवेयर लांच किया गया है जिसमें पुलिस कर्मी का पूरा रिकार्ड, तैनाती दर्ज हो रही है। डाटा फीड करने के दौरान यह बात सामने आई। इसके बाद एसएसपी ने दोबारा सभी थानों, आफिसों, सेल, पुलिस लाइन और अफसरों के यहां तैनात पुलिस कर्मियों की सूची मंगाई। अफसरों से सूची का मिलान ट्रेजरी की सूची से करवाया गया। ट्रेजरी की सूची से तनख्वाह लेने वाले 600 पुलिसकर्मी की तैनाती कहीं भी नजर नहीं आई। संबंधित पुलिसकर्मी हैं भी अथवा नहीं, नौकरी छोड़ गए हैं या कर रहे हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
पुलिसकर्मियों की कमी झेल रहे महकमे को इन 600 पुलिसकर्मियों के सामने आने पर बड़ी मदद मिलेगी। आकड़ा 600 का है, यानी हर थाने में करीब 15 पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ जाएगी।
जांच कराई जा रही है : एसएसपी
एसएसपी नितिन तिवारी ने मीडिया को बताया कि पुलिस विभाग की सूची और ट्रेजरी की सूची में फर्क है। 600 पुलिसकर्मी जो तनख्वाह ले रहे हैं वह कहां पोस्ट हैं, किस काम में लगे हैं, यह किसी को नहीं पता। जांच कराई जा रही है। तनख्वाह रोकने का निर्देश भी दिया गया है।
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