एहतिशाम बेग/हाशिम अंसारी, लहरपुर/सीतापुर (यूपी), NIT; लहरपुर में जहरीली शराब पीने से हालि ही में सीओ ऑफिस से चंद क़दम की दूरी पर एक युवक की मौत हो चुकी है और पहले भी कई लोगों की जानें जा चुकी हैं, इसके अलावा कच्ची शराब पीने से करीब डेढ़ दर्जन लोगों की आंखों से दिखना कम हो गया है मगर फिर भी पुलिस इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है।
जानकारी के अनुसार लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला ठठेरी टोला पसियाना में कच्ची व देशी शराब बनाने का धन्दा जोरों पर हैं। सूत्र बतातें है यहां से कच्ची शराब उठ कर ठेका देशी शराब की दुकानों पर सप्लाई होती है। ठेका खुलने का समय दोपहर 12 से रात 10 बजे तक का है। फिर भी यह पूरी रात खुली रहती है और ठेके के बंद होने के बावजूद सुबह छह बजे से चोर दरवाजे से शराब बिकने लगती है।
इसी ठेके से लहरपुर स्थित आदि गांव के लोग शराब लेते हैं। जहरीली शराब पीने से अलग अलग गांवों में एक दर्जन से अधिक लोगों को या तो दिखना कम हो गया या उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। सूचना होने पर लहरपुर थाने की फोर्स कोतवाल इंद्रजीत सिंह व उपनिरीक्षक धन्नजय सिंह की मौजूदगी में कई बार छापे मारी की गई है लेकिन कोई भी बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है और लगे भी कैसे जब थाली में खाने वाले खुद ही छेंद कर रहे हैं। लोगों का यहाँ तक कहना कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को ठेके शराब के नमूने लेने चाहिए और कमी पाए जाने पर जिलाधिकारी के मुताबिक मामले में एफआईआर दर्ज करा सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, इसके अलावा ठेके का लाइसेंस भी निरस्त किया जाना चाहिए शराब जहरीली होने की आशंका पर जांच के आदेश दिए जाए शराब में मिले केमिकल की जांच होनी चाहिए। प्रशासन को रविवार को हुई मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए इसके बाद से लहरपुर में आने वाली सप्लाई पर प्रशासन को रोक लगा दी जानी चाहिए। लोगों का आरोप है कि मोहल्ला ठठेरी टोला पसियाना से कच्ची शराब उठ कर ठेके पर मिलावट करके शराब बेची जाती है जबकि कई क्षेत्रों में देशी शराब के ठेकों पर शराब की बिक्री करने पर रोक लगा दी गयी है। शराब दुकान के अनुज्ञापी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दुकान को सीज कर दिया जाना चाहिए साथ ही क्षेत्रीय आबकारी इंस्पेक्टर को मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए।
- साठगांठ कर शराब ठेकों पर की जा रही हैं घोर अनियमताएं
- रिफलिंग कर बेची जाती है मिलावटी नकली शराब!!
- प्रिंट मूल्य सेअधिक कीमत भी वसूली जाती है!!
- कानपुर जैसी घटना लहरपुर में भी दोहरा सकती है यदि प्रशासन सजग न हुआ!!
- नई आबकारी नीति के तहत दुकान खुलने या न खुलने का पियक्कड़ों पर नही पड़ता असर!!
- बगल में ज्यादा मूल्य चुकता कर आसानी से मिल जाती है शराब!!
सूत्रों की मानी तो शराब ठेकों के सेल्समैन को पगार के बदले रिफलिंग की छूट है जिससे सेल्समैन ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी शराब बेचने को विवश होते हैं।
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