सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT; मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भतीजे प्रधुम्न सिंह के डंपर पकड़ने के बाद चर्चा में आयी माईनिंग इंस्पेक्टर रश्मि पान्डे को लेकर राज्य सरकार की मुश्किले बढ़ती जा रही हैं। मध्यप्रदेश के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक डीबी पोस्ट में जाने माने पत्रकार हरीश दिवेकर ने इस बात का खुलासा किया है। पढ़िये क्या लिखा है हरीश दिवेकर ने…“चीफ मिनिस्टर शिवराज सिंह चौहान के भतीजे प्रधुम्न सिंह के रेत के चार ओवर लोड डंपर पकड़ने के बाद सूर्खियों में आई माईनिंग इंस्पेक्टर रश्मि पांडे के 6 साल पुराने मामले को लेकर सरकार उलझी हुई है। दरअसल बड़वानी पुलिस ने पांडे के खिलाफ दर्ज एट्रोसिटी (एससीएसटी) एक्ट में अभियोजन स्वीकृति मांगी है। माईनिंग डिपार्टमेंट ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने पर अफसरों पर पुलिस मामले दर्ज करेगी तो कोई काम नहीं करेगा। इधर लॉ डिपार्टमेंट ने पुलिस को सही ठहराते हुए पांडे के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने की बात कही है।”“माईनिंग इंस्पेक्टर श्रीमती पान्डे की अभियोजन स्वीकृति मामले में माईनिंग और लॉ डिपार्टमेंट के मतभेद के चलते अब यह मामला चीफ मिनिस्टर की कमेटी के सामने लाया गया है। कमेटी में फायनेंस मिनिस्टर जयंत मलैया,पंचायत मिनिस्टर गोपाल भार्गव और जीएडी राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य सदस्य हैं। कमेटी की परेशानी यह है कि यदि वह लॉ डिपार्टमेंट की सलाह मानते हुए पांडे के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने की मंजूरी देती हैं तो उन पर सीधे सीधे आरोप लग सकता है कि श्रीमती पांडे ने हाल ही में सीएम के भतीजे प्रधुम्न सिंह के डंपर पकड़ कर मामला दर्ज किया था, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी गई है। वहीं यदि कमेटी उन्हें राहत देती है तो भी आरोप लगेगा कि सरकार ने सीएम के भतीजे वाले मामले को हाईलाइट होने से बचाने के लिए इन्हें राहत दे दी।”
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