संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफलता का एक मात्र उपाय है संकल्प एवं संघर्ष: अरविंद पांडेय | New India Times

अतिश दीपंकर ,पटना (बिहार); NIT; 

संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफलता का एक मात्र उपाय है संकल्प एवं संघर्ष: अरविंद पांडेय | New India Times​पटना के महाराणा प्रताप भवन में “बिहार में सिविल सेवा  परीक्षा की तैयारी हेतु अनुकूल रणनीति\परिवेश का निर्माण” विषय पर जी.एस विज़न द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्या उद्देश्य   बिहार में छुपी हुई प्रतिभा को पुनः जागृत करना था।

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक डीजी अरविंद पांडेय ने संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए कहा कि समय का महत्व संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अत्यंत आवश्यक है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को उत्तीर्ण करने का एक मात्र उपाय संकल्प एवं संघर्ष है। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा में छात्र छात्राओं को मुख्य रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि सिविल सेवा में क्या पढ़ना चाहिए, कितना पढ़ना चाहिए,  कैसे पढ़ना चाहिए, साथ ही साथ क्या लिखना चाहिए, कितना लिखना चाहिए और कैसे लिखना चाहिए, इन छ: विषयों पर अगर महारत हासिल हो जाए तो सिविल सेवा की परीक्षा में उत्तीर्ण होना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा की मौलिक किताबों का अध्ययन सफलता के रास्ते पर ले जाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। हिंदी विषय से तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बिहार राज्य भाषा परिषद की किताबें वरदान साबित हो सकती हैं। सिविल सेवा में उत्तीर्ण टॉप 20 छात्रों का इंटरव्यू पढ़ना और उन प्रश्नों पर चिंतन करना सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है। सच्ची निष्ठा, लगन और मेहनत करने वाले छात्र को एक दिन सफलता जरूर मिलती है।

संगोष्ठी में उपस्थित जी.एस विजन क्लास के डायरेक्टर सुनील सिंह ने कहा कि आज बिहार के छात्र सिविल सेवा की परीक्षा में निरंतर पिछड़ते जा रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में निरंतर बिहार के छात्रों का सफलता का अनुपात निरंतर घटता जा रहा है। यह निश्चित रूप से एक चिंता का विषय है। बिहार का पटना जो कभी सिविल सेवा परीक्षा का गढ़ मन जाता था वो आज सिमटता जा रहा है। जहाँ से संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा में बिहार के भी टॉपर हुवा करते थे। आज स्तिथि बदल चुकी हैं। बिहार के प्रतिभावान छात्र दिल्ली और इलाहाबाद जाकर आइएएस बन सकते हैं तो पटना में रहकर क्यों नही। उन्होंने कहा कि बिहार के कई छात्र के मन मे एक घोर उम्मीद होती है कि वो आईएएस बने, परंतु वह कहीं न कहीं दिल्ली और इलाहाबाद जाने में सक्षम नहीं हों सकता,  यह उनका सपना, सपना ही रह जाता हैं।  जी.एस विज़न सिविल सेवा की परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को सार्थक स्वरूप देने का प्रयास करेगा।

संगोष्ठी में उपस्थित मनीष भरद्वाज ने भी अपना अनुभव छात्रों के बीच रखा उन्होंने कहा कि प्रारंभिक दौर में अनेकों विचार छात्रों को मिलता है। लेकिन इससे छात्रों को इससे बचना चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय के विनीत पुष्पक ने कहा कि बिहार में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में गिरावट आई को सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार को आगे बढ़ने के लिए ब्यूरोक्रेसी को बढ़ावा अति आवश्यक है ब्यूरोक्रेसी ही समाज सही रास्ते पर ले जाने में सक्षम है।


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