गैर कानूनी निजी समझौते, गैर जरूरी खर्च और भ्रष्टाचार घटा कर तत्काल बिजली दर आधी करे शिवराज सरकार : आलोक अग्रवाल | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; 

गैर कानूनी निजी समझौते, गैर जरूरी खर्च और भ्रष्टाचार घटा कर तत्काल बिजली दर आधी करे शिवराज सरकार : आलोक अग्रवाल | New India Times​आम आदमी पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार चुनावी साल को देखते हुए शिवराज सरकार ने बड़ी होशियारी से बिजली दर में इस वर्ष कोई बढ़ोतरी नहीं की है, जबकि आज प्रदेश में बिजली दर को आधा किए जाने की जरूरत है। इसी मुद्दे पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल ने कहा की आश्चर्यजनक रूप से शिवराज सरकार द्वारा इस बार भी बिजली के दामों में कोई कटौती नहीं की गई है जबकि पूरे प्रदेश में महंगी बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ। 

“दिल्ली में बिजली बिल आधा, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा”

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में बिजली की दर मध्य प्रदेश से 3 गुना सस्ती थी फिर भी केजरीवाल सरकार ने बिजली दर में 1 रु से 1.45 रु प्रति यूनिट तक की कटौती करके बिजली दामो को और कम कर दिया है। दिल्ली मध्य प्रदेश से ही बिजली खरीदता है। जब दिल्ली मध्य प्रदेश से बिजली खरीद कर 3 गुना सस्ती दे सकता है तो मध्य प्रदेश सरकार क्यों नही दे सकती? मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दिल्ली से 3 गुना कम है तो यहाँ बिजली दर और कम होनी चाहिए। 

दिल्ली व मध्य प्रदेश में दर में अंतर

  • 200 यूनिट खपत 550   1307 2. 4 गुना ज्यादा
  • 300 यूनिट खपत 756    2027      2.7 गुना ज्यादा 
  • 400 यूनिट खपत 961    2851       3 गुना ज्यादा।

गैर कानूनी निजी समझौते, गैर जरूरी खर्चो और भ्रष्टाचार के कारण महंगी है बिजली 

1. मध्य प्रदेश की औसत मांग 8000 मेगावाट है और अधिकतम बिजली मांग 12240 मेगा वाट है और हमारे पास उपलब्ध बिजली 18125 मेगावाट है। आम आदमी पार्टी मानती है कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के कारण मध्य प्रदेश में बिजली के दाम सबसे ज्यादा हैं।

 बिजली के दाम ज्यादा होने के निम्न कारण हैं: 

अपने टैरिफ आर्डर में सरकार खुद मान रही है कि प्रदेश में 2018-19 में औसत मांग 8000 मेगावाट है और उपलब्ध बिजली 20000 मेगावाट है ऐसे में वर्ष 2018-19 में बिना एक यूनिट लिए 3631 रुपए का भुगतान बिना 1 यूनिट ख़रीदे जाएगा।
1) जे पी बीना पॉवर – 504 करोड रु 

2) झाबुआ पॉवर – 178 करोड़ रु 

3) एन टी पी सी – 990 करोड रु 

4) एम् पी जेनको – 1960 करोड रु 

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                       कुल – 3631 करोड रु 

2. 5 निजी कंपनियों जे पी बीना पॉवर, जे पी निगरी, एम बी पॉवर अनूपपुर, झाबुआ पॉवर घंसौर और बी एल ए पॉवर गाडरवारा से किए गए अवैधानिक रूप से किए गए बिजली खरीदी के समझोतों के चलते प्रति वर्ष 2000 करोड़ रु की चपत आम जनता को लग रही है।

3. लैंको अमरकंटक पॉवर लिमिटेड से बिना सक्षम अनुमोदन के 1 अप्रैल 2013 से बिजली 2.20 रु प्रति यूनिट की जगह 3.12 रु में खरीदी गई है. जिसके चलते 1000 करोड का अवैधानिक भुगतान किया गया है। इन्हीं सभी अवैधानिक अनुबंध और भ्रष्टचार के चलते प्रदेश में बिजली की दर अत्यधिक है।

अन्य राज्यों को 2.70 रु यूनिट में और अपनी जनता को 8 रु यूनिट 

मध्य प्रदेश सरकार के पास अतिरिक्त बिजली चलते 1900 करोड़ यूनिट अन्य राज्यों को सिर्फ 2.60 रु प्रति यूनिट में बेचीं जाएगी, जबकि प्रदेश में उपभोक्ताओं को बिजली 7 से 8 रु प्रति यूनिट के दर से मिल रही है।

आम आदमी पार्टी शिवराज सरकार से मांग करती है कि…..

1. दिल्ली की आप सरकार की तरह मध्य प्रदेश में बिजली के दर को तत्काल आधा किया जाए ताकि जनता को राहत मिल सके।

2. सभी निजी कंपनियों से किये गए अवैधानिक बिजली खरीदी के अनुबंध रद्द किए जाए।

26 मई से अनिश्चितकालीन अनशन का एक मुद्दा होगा बिजली दर घटाना

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल 26 मई से अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठ रहे हैं, जिसमें किसानों की कर्ज माफ़ी के साथ बिजली दर को आधा करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा।


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By nit

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