साबिर खान/संदीप शुक्ला, ग्वालियर/मुंबई, NIT;
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित कॉलेज ‘सेक्स स्कैंडल’ के विवाद में फंसने के साथ ही महिला पत्रकार के साथ अभद्रता के विवाद में भी फंसे गए हैं। राज्यपाल कथित कॉलेज `सेक्स स्कैंडल` के विवाद में सफाई देने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार के चेहरे को छूने को लेकर दूसरे विवाद में घिर गए हैं। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की इस हरकत से पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यन बुरी तरह आहत हैं। उन्होंने कहा है कि अनेक बार चेहरा धो लेने के बावजूद भी वह इसे भुला नहीं पा रही हैं।
विदित हो कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी से जुड़े एक प्राइवेट कॉलेज के कथित सेक्स स्कैंडल को लेकर विवादों के घेरे में हैं। विरुदुनगर जिले के देवांगा आर्ट्स कॉलेज की एसोसिएट्स प्रोफेसर निर्मला देवी की चार छात्राओं से टेलीफोन पर बातचीत का एक ऑडियो वायरल होने के बाद यह विवाद खड़ा हुआ है। कॉलेज की लड़कियों का ये मामला कब से चल रहा था ? कितने और कौन-कौन से मंत्री कॉलेज की लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में धकेलने के आरोपी हैं यह तो निष्पक्ष जांच के बाद साफ हो पाएगा। आरोप है कि निर्मला देवी इस ऑडियो में चार छात्राओं से बातचीत के दौरान उन्हें अच्छे नम्बरों और पैसे का लालच देते हुए ऑफिशियल्स` के साथ ‘एडजस्ट’ करने (शारीरिक संबंध बनाने) के लिए कह रही हैं। बताया जाता है कि इस ऑडियो में राज्यपाल पुरोहित का भी जिक्र है क्योंकि राज्यपाल पुरोहित उस कॉलेज के चेयरमैन हैं। यह महिला प्रोफेसर कितनी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुकी होगी अपने आकाओं के इशारे पर… यह सवाल सब के सामने खडा है।
राज्यपाल ने अपने आप को स्कैंडल में फंसता देख आनन-फानन में राजभवन में इस केस में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई तो ऑडियो में उनका नाम होने के बारे में भी सवाल पूछ लिया गया। राज्यपाल साफ तौर पर कोई जवाब नहीं दे पाए पर उन्होंने पत्रकार से सवाल ही कर डाला कि क्या उसने वह क्लिप सुनी है। राज्यपाल ने कहा कि उनके नाम का उल्लेख ग्रैंडफादर के तौर पर किया गया है। पुरोहित ने सफाई दी कि उन्होंने उस महिला का चेहरा तक नहीं देखा है, वे उसे नहीं जानते। अपनी उम्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वे 78 वर्ष के हैं और उनके नाती-पोते-पड़पोते हैं। उनके बारे में ऐसी बातें नहीं कहीं जा सकतीं।
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने को लेकर भी सवाल खडे किए जा रहे हैं। उनसे पूछा भी गया कि वे कावेरी समेत तमाम ज्वलंत मसलों पर चुप रहे पर इस मामले में तुरन्त प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली गई। जिस मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी से जुड़े दोवांगा आर्ट्स कॉलेज को लेकर विवाद है, उसके वीसी पी चेलातुरै की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूदगी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस केस में जांच की घोषणा को लेकर भी राज्यपाल पुरोहित पर सवाल उठे हैं। वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर को सौंप चुके हैं। पत्रकारों ने इस जांच की विश्वसनीयता को लेकर सवाल किया है।
गौरतलब है कि जांच की घोषणा को लेकर ही राज्यपाल पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े किए जा रहे हैं। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन और पीएमके नेता एस रामदॉस कह चुके हैं कि राज्यपाल पुरोहित यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं और उन्हें यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज के कदाचार के मसले में जांच का हक नहीं है। स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल जो कुछ कर रहे हैं, वह सन्देह पैदा करता है। हाईकोर्ट की देखरेख में सीबीआई जांच से ही चीज़ें साफ हो सकती हैं। डीजीपी इस केस की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपने की घोषणा कर चुके हैं।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक महिला पत्रकार के साथ आपत्तिजनक बर्ताव के जरिये एक नया विवाद भी खड़ा कर चुके हैं। `द वीक` की पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यन ने उनसे कोई सवाल किया तो राज्यपाल महिला पत्रकार का चेहरा धपथपाने लगे।
लक्ष्मी ने ट्वीट के जरिये भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि प्रेस कॉन्फ्रेस के आखिर में मैंने गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित से एक सवाल पूछा। वह संरक्षक की तरह पेश आए और जवाब में मेरी सहमति न होते हुए भी मेरा चेहरा थपथपाने लगे। सवाल यह है कि गाल थपथपाने को लेकर वो महिला पत्रकार को धमकी देना चहते थे या मकसद कुछ और था..?
अब सवाल यह उठता है कि क्या एसे राज्यपाल को संवैधानिक पद पर रहने का अधिकार है.? क्या लिखित माफी मांगने से चरित्र हनन का घिनोना कृत्य छुप जाएगा.? कहीं एसा तो नहीं कि कॉलेज के ऑडियो वायरल मामले में फंसती प्रोफेसर निर्मला देवी को बचाने के लिये मुद्दे से भटकाया जा रहा हो.?
आखिर नारी ही नारी की आबरू की दुश्मन कैसे हो सकती है….???
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