वी.के. त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT; उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी तहसील के शाहजहांपुर लखनऊ मार्ग पर उचौलिया पुलिस चौकी के पास इस दर्दनाक हादसे ने सबको हिला कर रख दिया है। नेशनल हाइवे -24 पर हुए हादसे के बाद हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी। जो जिंदा थे वह मदद के लिए चिल्ला रहे थे और जिनकी जान निकल गई थी वह सड़क के किनारे बुत बने पड़े हुए थे। लाशों और घायलों के बीच में दो मासूम ऐसे भी थे जो समझ नहीं पा रहे थे कि हुआ क्या है। एक साल की बच्ची और एक 3 माह का बच्चा लाशों के बीच में बैठे रो रहे थे। बच्ची लाशों के ढेर में अपने मां-बाप को तलाश कर रही थी।
बच्ची इतनी छोटी है कि उसे अपना नाम भी नहीं मालूम वह बार-बार मम्मी मम्मी की रट लगाए थी। यह नजारा देखकर के पुलिसवालों की भी आंखें छलक उठीं। उचौलिया चौकी के पुलिस वाले ने उसे गोद में उठाया। बच्ची को चोटे भी लगी थी लेकिन उसे अपनी चोट से ज्यादा परवाह अपने मां-बाप की थी, जिनको वह ढूंढ रही थी। पुलिस ने बच्ची को जिला अस्पताल शाहजहांपुर भेज दिया है। इसके अलावा यहां करीब 3 महीने का एक बच्चा भी मिला है। जिसे यह नहीं समझ में आ रहा था कि यह क्या हो रहा है वह कभी इधर कभी उधर मासूमियत की तरह भीड़ को निहार रहा था बच्चों की निकलने वाली आवाजें लोगों के दिलों में अजीब सी उलझन और तड़प पैदा कर रही थी।
बच्चे को ज्यादा चोट तो नहीं थी लेकिन ईश्वर ने एक एक ऐसी चोट दी जिसका दर्द हमेशा उसे रहेगा और उसका उपचार शायद किसी के पास न हो , लेकिन वह भी अपनी मां को पास ना पाकर बिलख रहा था। घटनास्थल पर इस कदर अफरा-तफरी थी पुलिस को घायलों को जल्द से जल्द उपचार की जरूरत थी यह भी खबर नहीं थी इस बच्चे के मां बाप अभी जिंदा है या् नहीं। बच्चे की हालत देखकर पुलिस वालों सहित आम जनता की की आंखें नम हो गई। ईश्वर जरूर इन बेजुबान बच्चों की आवाज सुन रहा होगा मगर होनी को कौन टाल सकता है यही कहकर सब एक-दूसरे को दिलासा दे रहे थे।
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