मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT;
यवतमाल में ऑल इंडीया कौमी तंजीम की ओर से “बेगुनाह कैदी” विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। 7/11 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के आरोप में नौ वर्ष जेल में रहेने के बाद मकोक कोर्ट ने अब्दुल वहीद सर को बाइज्जत बरी किया था। अपनी रिहाई के बाद जेल में लिखी एक किताब “बेगुनाह कैदी” के विषय में अब्दुल वहीद ने विस्तृत जानकारी इस चर्चा सत्र के दौरान दी।
गौरतलब है के 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेन में माटुंगा, खार, जोगेश्वरी, बांद्रा, बोरिवली तथा भयंदर के पास उपनगरीय ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 187 लोगों की मौत हुई थी और 817 लोग घायल हुए थे। इस प्रकरण में मुंबई एटीएस ने 13 नौजवानों पर आरोप लगाकर उन्हें जेल भेज दिया था, जिसमें से मकोका कोर्ट ने 12 को दोषी करार देते हुए पांच नौजवानों को मौत की सजा सुनाई गयी तथा अन्य सात को उमर कैद की सजा सुनाई गयी। जमीयतुल उलेमा-हिंद के वकील ने अंजुमन-ए-इस्लाम के इस स्कुल के अध्यापक की जोरदार पैरवी की जिसके चलते अब्दुल वहीद सर को निर्दोष छोडा गया। नौ वर्ष जेल में रहते हुए उन्होंने “बेगुनाह कैदी” किताब लिखी थी जिसमें उन्होंने सभी नौजवानों पर लगाए गये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए झुठे आरोप में फंसाए जाने की बात कही तथा पुलिस द्वारा टॉर्चर करके जबरन झुठे बयान पर सही कारवाई गयी, ऐसा सनसानीखेज खुलासा इस चर्चासत्र में किया। अब 12 निर्दोष लोगों की रिहाई के लिये वे संपूर्ण महाराष्ट्र में घुमकर जनजागरण करने के उद्देश्य से यवतमाल में आये हैं, इस तरह की बात अब्दुल वहीद ने इस चर्चा सत्र में रखी।इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अंजुम इनामदार, मराठा सेवा संघ के जिल्हाध्यक्ष डॉ. दिलीप महाले, प्रोफेसर माधव सरकुंडे, मंसूर एजाज जोश, अजमतूल्लाह खान, ऑल इंडीया कौमी तंजीम के विदर्भ अध्यक्ष असीम अली, डॉ.वसीउल्लाह तथा फरहान मुजतबा आदि उपस्थित थे।
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