बहराइच जनपद के कोतवाली देहात में पीड़ितों के मानसिक उत्पीड़न का सिलसिला जारी, एफआईआर दर्ज करने के नाम पर फरियादी से 12 हजार रुपये रिश्वत लेने का कोतवाल पर लगा आरोप | New India Times

फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT; ​

बहराइच जनपद के कोतवाली देहात में पीड़ितों के मानसिक उत्पीड़न का सिलसिला जारी, एफआईआर दर्ज करने के नाम पर फरियादी से 12 हजार रुपये रिश्वत लेने का कोतवाल पर लगा आरोप | New India Times​बहराइच जनपद के कोतवाली देहात में पीड़ितों के मानसिक उत्पीड़न का सिलसिला योगी राज में भी जारी है। यहां फरियादी से रिश्वत लेने के बाद कोतवाल आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। ऐसा की मामला क्षेत्र के चिलवरिया पुलिस चौकी के ग्राम मछयाहि का प्रकाश में आया है, जिसमें पुलिस ने पहले तो पीड़ित को लगभग दो महीने तक कोतवाली देहात के चक्कर लगवाए और बार बार बदल बदल कर तहरीर लिखाई फिर दो बार में 12 हजार रुपये पीड़ित से वसूलने के बाद मामूली धारा में मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। घटना के साठ दिन बीतने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाही नही हुई है।

पीड़ित का आरोप है कि पुलिस विपक्षीयो से मिली हुई है और दोनों तरफ से मामले के लीपा पोती में लगी है।

चिलवरिया क्षेत्र के मछयाही ग्राम निवासी नन्दलाल पुत्र मेवालाल ने पुलिस अधिक्षक को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर उल्लेख किया है कि 15 फरवरी 2018 को पत्नी उर्मिला उर्फ बेबी तथा तीन वर्षीय पुत्र दया को उसके साले राहुल पुत्र जयनारायण, बृजेन्द्र पुत्र निधान निवासी रेड़ालाल व कानपुर निवासी रोशनी पत्नी बृजेन्द्र, स्वर्गीय राज नारायण की पत्नी ज्ञान तथा पुत्री सरोज एवं कल्लू पुत्र अज्ञात ने साजिश रचते हुए यह कह कर ले गये की उसकी बहन सरोज की तबियत बहुत खराब है उसे कुछ पैसे की व्यवस्था के साथ बम्बई चलना पड़ेगा। उक्त लोग उर्मिला को बरगला कर प्रार्थी के घर में रखे 10 हजार नकदी व सोने के कई कीमती आभूषण साथ लेकर चले गए।

तबसे पीड़ित न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है।

योगी सरकार में देखिए पुलिस की कारस्तानी पैसे लेने के बाद भी नही कर रही है कोई ठोस कार्यवाही। शिकायतकर्ता अपनी पत्नी व दुधमुहे बेटे की बरामदगी के लिए परेशान है और पुलिस मामले में मनमर्जी करते हुए बार बार विवाहिता को बच्चे के साथ चले जाने का आरोप लगाते हुए कोई कार्यवाही नही कर रही है। जबकि पीड़ित के पास पुलिस के द्वारा मजबूर कर 12 हजार रुपये डकारने समेत इस मामले के पुख्ता सबूत मौजूद हैं।

योगी सरकार के ऑनलाइन शिकायती पोर्टल पर दो बार पीड़ित द्वारा शिकायत की गई लेकिन कोतवाली देहात के दबंग विवेचक ने इस घटना को धुएं में उड़ाते हुए अपनी मनमाफिक रिपोर्ट लगा दी, जबकि गांव वालों कहना है कि मामले की जांच करने गांव तक कोई विवेचक नही पहुँचा। पीड़ित अब भी योगी सरकार के राज्य में शिकायतों का पुलिंदा लिए हुए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।


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