अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT;
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को नरेला विधानसभा क्षेत्र के हाउसिंग बोर्ड दशहरा मैदान में पोहा चौपाल का आयोजन किया। यह भोपाल जोन की पहली पोहा चौपाल थी, जिसमें उत्साह के साथ स्थानीय नागरिकों ने भागीदारी की और अपनी समस्याओं के हल के लिए आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताते हुए किसी भी तरह के आंदोलन में शिरकत की पेशकश की। इससे पहले लोगों को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के शासन में हर जगह समस्याएं हैं। आम आदमी पार्टी इन समस्याओं से सीधे रूबरू होने के लिए पोहा चौपाल के माध्यम से संवाद कर रही है। इस सवांद में जो समस्याएं समाने आएंगी उनको लेकर 14 मई से अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल किसान यात्रा के दौरान और उसके बाद लगातार प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों के बीच कार्यक्रम, सभाओं में मैंने पाया कि पोहा ऐसी चीज है, जो पूरे मध्य प्रदेश में समान रूप से मिलती है। प्रदेश के पूर्वी छोर से पश्चिम तक आते आते बोली, भाषा, पोशाक तो बदलती है, लेकिन नहीं बदलता तो बस पोहा। इसीलिए आम आदमी पार्टी ने पोहा चौपाल का आयोजन किया है। सभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि इस पोहा चौपाल का एक संदेश यह भी है कि आम आदमी पार्टी चाहती है कि हम सब एक साथ बैठकर खाएं, बातचीत करें, प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस चौपाल पर पोहा के माध्यम से खाने की और एकता के हमारे सूत्र की बात भी कर रही है। अपनी जाति, धर्म, क्षेत्र से ऊपर उठकर हम सभी साथ बैठेंगे और प्रदेश को बुलंदी पर ले जाएंगे।
सभा को नरेला विधानसभा के प्रभारी रेहान जाफरी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों की समस्याओं को सुनने तक ही सीमित नहीं रहेगी, उन्हें हल करने की दिशा में हर संभव कोशिश करेगी और आम आदमी के दुख दर्द को साझा करती रहेगी। उन्होंने कहा कि आज मुल्क जिन हाथों में है, उनमें देश को दिशा देने की न तो सोच है, न ही कोशिश की जा रही है। ऐसे लोगों को हटाकर एक ईमानदार सरकार लाने की जरूरत है, जो लोगों की तकलीफों को समझती भी हो, और उन्हें पूरा करने का माद्दा भी रखती हो।
प्रमुख समस्याएं जो लोगों ने बताई
- बिजली के बिल बहुत ज्यादा आते हैं। मीटर रीडिंग में जितना यूनिट होता है, उससे दोगुना तक की वसूली होती है।
- इलाके में नालियां जाम हैं और पानी भरा रहता है, जिससे गंदगी फैलती है और बीमार होते हैं।
- सरकारी अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलती हैं। सभी दवाएं प्राइवेट दुकानों से लेनी पड़ती हैं।
- बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलती है, जिनको मिलती है, वह भी नाकाफी है।
- रिक्शे, खोमचे, रेहड़ी वालों को परेशान किया जाता है।
- स्कूलों की हालत बेहद खराब है।
- स्थानीय अंडर पास नहीं बन पा रहा है, जिससे घंटों जाम की स्थिति रहती है।
- सड़कों की हालत बेहद खराब है।
- पानी और रोजगार की समस्या पर भी लोगों ने अपनी बात रखी।
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