अरशद आब्दी, झांसी (यूपी), NIT;
झाँसी नगर में वर्तमान में युवा पीढ़ी शराब के नशे की लत में गर्क होती जा रही है जिस कारण जहां गरीब परिवारों के खाने के लाले पड रहे हैं वहीं बच्चों का पालन पोषण व शिक्षा प्रभावित हो रहा है। झाँसी कोतवाली अंतर्गत तिवारी होटल के समीप एक छोटी सी पान मसाले की दुकान रखने वाले को शराब के नशे में चूर पडा देख कर जब N.I.T. ब्यूरो चीफ़ अरशद आब्दी ने वहां मौजूद लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि यह इतने नशे में है कि किसी को पहचानने से मना कर दिया। लाख जगाने की कोशिश करने पर भी नहीं उठा। आगर ऐसा ही बुंदेलखण्ड में चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हर घर में एक शराब पीने वाला ज़रूर होगा। शराब की लत के कारण कुई घरों में खाने के लाले पडे हुए हैं। लोग दिन भर मजदूरी करके चार पैसा कमाते है लेकिन बवाजूद इसके सारा पैसा शराब में निकल जाता है। कुछ ही दिन पहले झाँसी की रहने वाली महिलाओं ने शराब विक्रेताओं के खिलाफ़ शक्ति प्रदर्शन करते हुये मुख्य एलाइट चौराहा जाम कर दिया था तब झाँसी पुलिस ने महिलाओं को आश्वासन देकर उनकी उम्मीद जगाई थी। तब पूरे दिन और रात मिलने वाली शराब की समय सीमा तय की गई थी कि दुपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक ही शराब के ठेके पर शराब मिल सकती है जिससे शराब पीने वालों में हड़कंप मच गया था।
जब संवाददाता ने एक शराब के आदी दूसरे सहाब से बात की तो उन्होंने शराब के नशे में शराब पर ही गाना सुना दिया। पीड़ित महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने बताया की घर में आटा सब्ज़ी तक नहीं आती है, बच्चों का भविष्य ख़राब हो रहा है।घर के जिम्मेदार का शराब पीकर गली मोहल्ले में गाली गलौच करना रोज़ का काम है, इससे हमारी बेज़्ज़ती होती है और लड़कियों के किसी भी अच्छे परिवार से रिश्ते नही आते हैं। पीड़ित महिलाओं ने अपना दर्द बताते हुए कहा आगर हम इस बात का विरोध घर में पति से करते है तो नशे की हालत में बच्चों के सामने गंदी गंदी गालियां मिलती है जिससे बच्चों पर बहुत असर पड़ता है। महिलाओं का कहना है शराब बंद करो। कई बार नारी शक्ति इस नशे को लेकर विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं। एक बार फिर वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी तक इस बात को पहुंचने का प्रयास किया गया है कि शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए जिससे बुन्देलखण्ड वासियों के घर चूल्हे जल सकें और बेटियों की शादी अच्छे घरों में हो सके, बच्चे अच्छे स्कूलों में शिक्षा ले सकें, लेकिन ये तभी होगा जब बुन्देलखण्ड नशा मुक्त होगा। पीड़ित महिलाओं का कहना है जल्द ही इस विषय पर वर्तमान सरकार को कोई ठोस क़दम उठाना चाहिए वरना हम आगे से पूरी तरह से कच्ची शराब और ठेकों पर मिलने वाली शराब के खिलाफ़ पूरे बुन्देलखण्ड में नशा मुक्त आंदोलन करेंगी।Discover more from New India Times
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