अब्दुल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT;
स्थानीय क्राइम ब्रांच पुलिस ने शहर से मात्र पांच किमी दूर बिलाड़ी में हाइवे से पांच सौ मीटर की दूरी पर नकली डामर बनाने का प्लांट का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि स्थानीय नगर सेवक (पार्षद) का बेटा देवा सोनार तथा वाहन चालक फरार बताए गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक धुलिया ज़िला अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक हेमंत पाटील की टीम ने सोमवार शाम पांच बजे के करीब प्लांट पर छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई पुलिस अधीक्षक एम रामकुमार के निर्देश पर की गई। यहां से बड़ी संख्या में नकली डामर बनाने के सामान सहित करीब 20 से 25 लाख रुपये के टैंकर, स्विफ्ट कार आदि जब्त कर तीन आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस अधीक्षक को सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत छापा मारने के निर्देश दिए। इस पर क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर हेमंत पाटील और देवपुर थानों की टीम को रवाना किया गया। एडिशनल एसपी विवेक पानसरे सहित दोनों थानों के एक दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मियों ने दबिश दी। यहां नकली डामर बनाने का प्लांट धड़ल्ले से चल रहा था। बिलाड़ी स्थित स्टार्च फैक्ट्री के समीप बबूल और घास की कटीली झाड़ियों में बाकायदा बिजली चोरी कर के कारखाना बना रखा था। काले तेल में केमिकल और डोलोमाइट पावडर मिलाकर नकली डामर बना कर टैंकरों में भरा हुआ था।स्टार्च फैक्ट्री की बदबू के कारण केमिकल तथा डामर मिलाने की बदबू नही आती थी। पुलिस ने यहां से दिनेश भरत पाटील, अशोक बलविंदर सिंह ठाकूर, नरेंद्र कुंदन ठाकूर को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि वह यहां काम करते हैं। पुलिस ने अनुमानित 20 से 25 लाख रुपये की सामग्री में दो वाहन वाहन एवं अन्य सामग्री जब्त की है।
ऐसे होता है काम
हाइवे से रायपुर रिफाइनरीज से डामर लेकर जाने वाले टैंकर यहां आते हैं। इनमें से एक निश्चित मात्रा में डामर निकाला जाता है और काले तेल में डोलोमाइट पावडर मिलाकर टैंकर के बचे हुए डामर में मिलाकर वजन मेंटेन किया जाता है। यही मिलावट निकाले हुए डामर में होती है और आधे डामर को दोगुना कर मिलावटी नकली डामर बना दिया जाता है। इसके लिए मिक्सर मशीन की मदद ली जाती है। पुलिस ने यहां से मिक्सर मशीन भी जब्त की है।
ये सामान हुए बरामद
- -एक टैंकर
- -एक स्विफ्ट कार
- -एक जनरेटर
- – बॉयलर
नया नहीं है यह काम
नकली डामर बनाने का यह कारोबार जिले में नया नहीं है। पूर्व में भी इसी तरह का एक प्लांट रोकड़ोबा मंदिर के करीब आर्वी गांव में पकड़ा गया था। इसी तरह से जलगांव ज़िले के एरंडोल में भी में बड़ा कारखाना पकड़ा गया था। लेकिन उस समय भी इस काले कारोबार से जुड़े सफेद पोश लोगों के कनेक्शन उजागार नही हुए थे। इस बार भी पुलिस के हत्थे छोटी मछलियां ही जाल में फंसी हैं। अवैध रूप से चोरी के डामर में अन्य केमिकल्स मिलाकर डामर बनाने वाले सरगना कब गिरफ्तार किया जाता है यह जांच का विषय है। इसी तरह यह अवैध भूमि किस की है और किस किस सड़क मार्ग कॉन्टेक्ट्स को नकली डामर सप्लाई किया जाता उनको भी पुलिस ने गिरफ्त में लेकर जांच किए जाने की बात आसपास के नागरिकों ने बताई है।
इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक श्री एम रामकुमार के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच पुलिस इंस्पेक्टर हेमंत पाटील आरीफ शेख ,श्रीकांत पाटील , सुनिल विंचूरकर,प्रभाकर बैसाणे,महेंद्र कापूरे मयुर पाटील,मनोज बागूल गौतम सपकाळ उमेश पवार संदिप थोरात, विजय मदने आदि ने अंजाम दिया है ।
इस दौरान NIT धुलिया ज़िला ब्यूरो चीफ वाहिद काकर ने क्राइम ब्रांच पुलिस इंस्पेक्टर श्री हेमंत पाटील से बातचीत की:-
- अवैध रूप से कारखाना तो चल रहा था?
हां, अब इस बारे में जानकारी मिली है। आगे इसका ध्यान रखा जाएगा और इस तरह से नकली डामर वालों पर भी कार्रवाई होगी।
- इस तरह बने नकली डामर का उपयोग सड़कें बनाने में तो हो रहा होगा?
इस नकली डामर से सड़क निर्माण कार्य में उपयोग किया जा रहा था जिसके कारण से सड़कें समय से पहले ही खस्ताहाल हो जाती हैं।
- इस तरह के नकली डामर के खरीददारों का क्या?
अब कारगुजारी सामने आई है। खरीददारों के बारे में भी पता करेंगे और उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज होगा।
सफेदपोशों के संरक्षण में काला कारोबार मिलावटी बिटुमिन डामर के अवैध कारोबार की जड़ें बहुत गहरी हैं। चोरी के बिटुमिन से नकली बिटुमिन बनाकर उसे आसपास के जिलों में भी खपाया जाता है। यही वजह है कि सड़कें बनने के कुछ दिन बाद ही टूटने लगती हैं। इस काले कारोबार में कई बड़े ठेकेदार और सफेद पोश शामिल हैं साथ ही अधिकारियों के भी मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
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