अबरार अहमद खान/शेख नसीम, भोपाल, NIT;
चुनाव आयोग ने अब आर एस एस से जुड़े सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है। पहले चुनाव आयोग ये मानता था की आरएसएस एक सामाजिक संस्था हैं लेकिन अभी हाल के दिनों में आरएसएस से जुड़े कर्मचारियों की भाजपा के साथ समीक्षा बैठकें ये दर्शाती हैं कि आरएसएस भाजपा को चुनाव में फायदा पहुंचा रही है। वैसे चुनाव आयोग भी ये मानता है कि आरएसएस राजनितिक संस्था नहीं हैं लेकिन यह भाजपा को फायदा पहुंचा रही है।चुनाव के दौरान आरएसएस से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी नौकरी से अवकाश लेकर चुनाव प्रचार में लग जाते हैं। अभी शिवपुरी के कोलारस उप चुनाव में शिवपुरी के डीसीपी शिरोमणि राय ने भी चुनाव के दौरान अवकाश लेके चुनाव प्रचार किया था। शिरोमणि राय आ एसएस संस्था से जुड़े एक पदाधिकारी हैं। कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर उन्हें भोपाल अटेच कर दिया गया था।
इसी साल 2018 के आखिर में मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव होने हैं और मध्य प्रदेश में आरएसएस की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि आरएसएस से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों की चुनाव के दौरान ड्यूटी न लगाएं, क्योंकि ये चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। अब चुनाव आयोग ने भी ऐसे कर्मचारियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है जो आरएसएस से जुड़े हैं।
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