वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT;
4 अप्रैल 2018 को इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन लखीमपुर के तत्वाधान में जिले के सभी इंग्लिश मीडियम तथा हिंदी मीडियम स्कूल प्रतिनिधियों की बैठक फेडरेशन के सदस्य स्कूल पॉल इंटरनेशनल के प्रांगण संपन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आगामी 7 तारीख को आयोजित होने वाली शिक्षा बचाओ अभियान का समर्थन करने का प्रस्ताव पारित हुआ।
ज्ञात हो नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स दिल्ली के रामलीला मैदान में आगामी 7 तारीख को शिक्षा बचाओ अभियान का आरम्भ कर रहा है जिसमें पूरे देश से 1 लाख से भी ज्यादा स्कूलों की सभागिता होनी है तथा पूरे देश में सभी प्राइवेट स्कूल चाहें वह किसी भी बोर्ड के हों बंद रहेंगे तथा हर जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी को प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगें, इसी क्रम में लखीमपुर खीरी जिले के छोटे-बड़े तथा सभी बोर्ड के स्कूल पूर्णतयः बंद रहेंगें।
इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ़ लखीमपुर (इंग्लिश मीडियम) के अध्यक्ष तथा ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल, सम्पूर्णानगर के प्रबंधक गुरु कृपाल सिंह ने कहा कि वह नहीं जानते कि सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई होती है कि नहीं, वह नहीं जानते कि सरकार का जो कर्तव्य है सभी को शिक्षा देना क्या वह उसमें सफल है कि नहीं लेकिन वह यह अवश्य जानते हैं कि कोई भी सरकारी संस्थान हो या सरकारी नौकरी, IIM हो IIT, IAS हो या PCS हर जगह पिछले 10 वर्षों में चयनित होने वाले 90% से ज्यादा बच्चे सरकार के अपने स्कूलों के न होकर प्राइवेट स्कूलों के हैं।
शिक्षा बचाओ अभियान का उद्देश्य सरकार को आइना दिखाना तथा उनको यह अहसाह दिलाना है कि यदि आपको हमारे प्राइवेट स्कूलों से इनती नफरत है तो कि आप अपने सरकारी स्कूलों का शिक्षा का स्तर बढाइये तो हमारे पास कोई अभिभावक आएगा ही नहीं और प्राइवेट स्कूल्स स्वतः ही बंद हो जायेंगें लेकिन तानाशाही क़ानून बनाकर प्राइवेट स्कूलों को बंद करने तथा शिक्षा के स्तर को गिराने की सरकार की ओर से की जाने वाली साजिश वास्तव में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ नहीं है बल्कि स्कूल जाने वाले 20 करोड़ बच्चों तथा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का सपना देखने वाले अभिभावकों के खिलाफ है।
श्री सिंह ने कहा कि स्कूल प्रबंधक यह चाहते हैं कि शिक्षा के अधिकार को सरकार सही से लागू करे और सभी गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल्स में दाखिला लेने का मौका मिले इसके लिए सरकार को कई बार सुझाव दिया जा चुका है कि वह गैस की सब्सिडी की भांति स्कूल की फीस का पैसा गरीब बच्चों के अभिभावकों के खाते में “स्कूल वाउचर” के माध्यम से ट्रान्सफर हो जिससे उनको स्कूल चुनने का अधिकार मिले तथा वह मनचाहे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सकें।
सेल्फ फाइनेंस स्कूल एसोसिएशन (हिन्दी मीडियम) के अध्यक्ष रघुवीर सिंह यादव ने कहा कि सरकार चूंकि अपने सरकारी स्कूलों में शिक्षा देने में असमर्थ है और उस पर जनता कोई प्रश्न न उठाये इसलिए अप्रासंगिक कानून बनाकर जनता को प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है, श्री यादव ने कहा कि जब किसी रेल या बस में दुर्घटना होने पर रेल या परिवहन मंत्री को जेल नहीं होती तो एक स्कूल की बस या स्कूल में दुर्घटना होने पर स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य को जेल में क्यों ठूस दिया जाता है।
अजमानी इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक विक्की अजमानी के कहा कि आगामी आने वाले यू०पी० फीस बिल में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर सीमा निर्धारित की जा रही है जो कि बच्चों तथा अभिभावकों के हित में नहीं है, श्री आजमानी ने कहा कि अभिभावकों को समझना होगा कि यह सीमा उनके बच्चों के लिए ही हानिकारक है, प्राइवेट स्कूलों का वित्त अभिभावकों से ही आता है सरकार उनको कुछ नहीं देती, यदि स्कूल कोई सुविधा देगा या कोई नयी सुविधा देना चाहता है तो वह फीस न बढ़ा पाने के कारण नहीं दे सकेगा जिससे सीधा नुक्सान बच्चों तथा अभिभावकों को होगा
दून इंटरनेशनल पलिया के प्रबंधक श्री जगत चौधरी ने जनता से अपील की कि वह शिक्षा बचाओ अभियान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें तथा सरकार को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने से रोकने में मदद करें ।
मीटिंग में जिले के हिंदी तथा इंग्लिश मीडियम के 50 से भी अधिक स्कूल प्रबंधक मौके पर मौजूद रहे।
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