अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT;
राजस्थान के शेखावाटी जाट बेल्ट के प्रमुख शहर सीकर के जाट बजार स्थित सीकर जिला अरबन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के हुये निदेशक चुनाव में एक तरफ सत्ता का खासा असर रखने वाले यूआईटी चेयरमैन हरिराम रणवां व विधायक एवं मंत्री दर्जा प्राप्त प्रेमसिंह बाजौर सहित अन्य भाजपा नेताओं समर्थित राधाकिशन रणवां का पैनल मैदान मे ताल ठोक रखी थी तो दूसरी तरफ उनके मुकाबले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुभाष महरिया समर्थित डा.प्रदीप जोशी का पैनल पाला मांडकर चुनाव लड़ रहा था।
पिछले कुछ समय से सीकर अरबन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के चुनाव को लेकर जिले की सियासत में एक भुचाल आने के साथ साथ जनता में यह चुनाव बडा चर्चा का विषय बना हुवा था कि सत्ता की मजबूत ताकत के मुकाबले महरिया की सियासी चौसर कहा तक टिक पाती है। बाजौर-रणवां-विधायक जलधारी सहीत भाजपा नेताओं ने राधाकिसन रणंवा वाले पैनल को जिताने के लिये तमाम 129 प्रथमिक सदस्यों में से अधीकांस सदस्यों को टच करके अपनी तरफ खींचने की भरषक कोशिश की लेकिन इन सब नेताओं को आखिरकार पुर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया की सियासी शतरंजी चाल के सामने अपने पूरे पैनल के साथ हार का मजा चखना पड़ा। महरिया की शतरंजी चाल से प्रदीप जोशी वाला पुरा का पुरा पैनल काफी मत अंतर से विजयी होने के बाद सभी निदेशक ने मिल कर प्रदीप जोशी को एक राय से संचालक मण्डल का चेयरमेन चुन कर उनमे विश्वास जताया।कुल मिलाकर यह है कि जिले के सिनियर पत्रकार बालमुकुंद जोशी के छोटे भाई प्रदीप जोशी पीछले एक साल से बैंक को बचाने के लिये जनता से लेकर न्यायलय तक लड़ाई लड़ते हुये न्यायलय से सरकार को चुनाव कराने के आदेश मिलने तक अपने नेता के मुताबीक पूरी व्यू रचना रच कर इस चुनाव मे अपनी महत्ती भुमिका दर्ज कराने मे समय समय पर अवल रहते आये। दूसरी तरफ पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने पहले भाजपा से बाहर होकर स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव मे अपनी सियासी शतरंज की चाल के बल मे भाजपा को क्षति पहुंचाई तो अब कांग्रेस मे आकर भाजपा के पुरे पैनल के मुकाबले अपने पूरे पैनल को जीता कर पूरी भाजपा को सकते मे ला दिया है।
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