शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;
विजयराघवढ़ में बढे हर्षो उल्लास के साथ देवी मां के जबारे विसर्जित हुए। चैत्र नवरात्रि पर्व पर हर वर्ष विजयराघवढ़ बंजारी माई में 551 कलशों पर जबारे बोए जाते हैं जिनका विसर्जन नौ रात्रि के अंतिम दिन नौमी को झपावन नदी में किया जाता है। नगर से हर वर्ग की महिलाएं इस विसर्जन जलूस मे शामिल होती हैं तथा सभी महिलाएं अपने अपने सरो पर जबार कलश लेकर कोसों दूर तक पैदल जाती हैं और जबारे को ठंडा करती हैं। हर वर्ष इस सराहनीय कार्य को संगीता दुबे अंजाम देती आ रही हैं। संगीता दुबे धार्मिक कार्यों में रुचि दिखाते हुए नगर की सभी महिलाओं को एकत्र करती हैं तथा धार्मिक कार्यों मे शामिल होती हैं, जिनके सराहनीय योगदान से अनेकों धार्मिक कार्य सफलता पूर्ण सफल होते हैं। ज्ञात हो कि नगर की सुख शांति के लिए हर वर्ष बंजारी माई में जबारे बोए जाने का कार्य किया जाता है।
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