अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT; सरकार द्वारा विवादास्पद तीन तलाक बिल को लोकसभा में पास करके राज्यसभा तक लेजाकर उसको आनन फानन में पास करने की चेष्टा के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के हकों पर चोट पहुंचाते हुये इस्लामी शरीयत में मुदाखलत करने की मंशा को लेकर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनला बोर्ड के आह्वान पर सीकर की हजारों मुस्लिम महिलाओं ने सोमवार को शहर के मुख्य मार्गों से अनुशासित खामोश जुलूस निकालकर जिला प्रशासन को राष्ट्रपती व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर तलाक बिल को पूरी तरह वापीस लेने की पुरजोर शब्दों में भारत सरकार से मांग की गई।सोमवार सुबह से शहर की मुस्लिम बस्तियों से महिलाएं अपने घरों से अपने आप छोटे छोटे समुह में निकल कर ईदगाह चौक के अलावा बीसायतियान मोहल्ले के अल्लाह कुरेशीयान चौक में इकठ्ठा होने लगी थी। करीब साढे दस बजे ईदगाह चौक में जमा हजारों महिलाओं का जुलूस ऐक्सीलैंस स्कूल की बानी रुखसाना चौहान सहित अनेक शिक्षाओं व समाजी कारकुनों की अगुवाई में युवाओं की देखरेख में रवाना होकर जब जाट बजार पहुंचा तो उस अनुशासित जुलूस में बीसायतियान चौक व कुरेशियान चौक में जमा हुई महिलाओं का अलग अलग रास्ते से आया जुलूस भी ईदगाह से चले आ रहे जुलूस में शामिल होकर एक साथ कलेक्ट्रेट की तरफ चलते हुये काफी देर बाद कलेक्ट्रेट पहुंच कर सभा में परिवर्तित हो गया। जहां महिलाओं ने सभा को सम्बोधित करते हुये शरीयत में मुदाखलत करने पर सरकार को ललकाराते हुये उक्त बिल को वापस लेने की पुरजोर शब्दों में मांग की। उसके पश्चात रुखसाना चौहान सहित अन्य पांच महिलाओं ने अतिरिक्त जिलासीकर मे हजारो मुस्लिम महिलाओ ने मौन जूलूस निकालकर तीन तलाक बिल पर कड़ा विरोध जताया। कलेक्टर को पर्सनला बोर्ड द्वारा तैयार ज्ञापन सौंपा।भारत की आजादी के बाद व उससे पहले के मुकाबले सीकर शहर में अब तक के निकलने वाले सभी तरह के महिलाओं के जुलूस के मुकाबले तादात में सोमवार को निकले जुलूस को अनेक गुणा अधिक तादात वाला अनुशासित जुलूस माने जाने पर पड़ताल करने पर निष्कर्ष निकला कि पिछले तीस सालों से मुस्लिम गलर्स ऐजुकेशन बेदारी में हुये उत्साहवर्धक काम होने का नतीजा है। शहर की तीस सालों में तालीम ले चुकी मुस्लिम बेटियां व तालीम ले रही बेटियों ने अपने स्तर पर क्षेत्र का बंटवारा करके एक हफ्ते दिन रात उलमा ए कराम के निर्देशन में कड़ी मेहनत करके बेदारी का एक ऐसा माहौल बनाया कि आज महिलाएं अपने आप घरों से निकलकर रैली में पहुचकर अपनी मांग व विरोध को पायेतकमील तक पहुंचाने की एक सफल कोशीश करके सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि इस आयोजन में महिलाओं के अलावा उलमाऐ कराम के साथ साथ वाहिद चौहान, कय्यूम कुरेशी, जीवन खां व तमाम शैक्षणिक व समाजी इदारों की प्रबंध समितिवएवं समाजी कारकुनों की भी कोशिश के कारण यह सफल आयोजन हो पाया है। दूसरी तरफ सीकर में सोमवार 12 मार्च को निकले खामोश जुलूस से पहले राजस्थान में 26-फरवरी को झुंझूनु, 28-फरवरी को जयपुर में व 7 मार्च को सवाईमाधोपुर में भी मुस्लिम महिलाओं का तीन तलाक बिल के खिलाफ सफलतापुर्वक व अनुशासित खामोश जुलूस निकल चुका है।
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