फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT; बहराइच जिले के महिला सरकारी अस्पताल का काफी बुरा है। मानकों पर कहीं भी खरा नही उतर पा रहा है यह महिला अस्पताल। वार्डों में गन्दगी बिखरी पडी रहती है जिससे तेज दुर्गंध उठती है जो मरीजों और उनके स्वास्थय के लिए काफी हानिकारक साबित हो रहा है। जिला महिला अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए भर्ती महिलाएं व् तीमारदार अस्पताल की बदइंतिज़ामी का शिकार हैं। प्रदेश सरकार भले ही जननी सुरक्षा के लिए करोड़ों रूपये का भारी भरकम बजट देती है लेकिन यहां महिला अस्पताल में खुलेआम शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रसव के लिए आई दूरदराज इलाकों से महिलाओं को न तो बेड नसीब होता ही न बिस्तर न चादर।
महिलाओं को प्रसव के बाद फर्श पर लेटने को मजबूर हैं। वार्डो में जगह जगह फैली गंदगी व् उठती दुर्गंध भी मरीजो की जी का जंजाल बनी हुई है। साफ़-सफाई के इंतिज़ाम नाकाफी नजरआआ रहे हैं और मरीजों के साथ आवारा पशुओं व कुत्तों ने भी वार्ड में डेरा जमा रखा है। अस्पताल में न तो समय पर झाड़ू पोछा होता है न ही कूड़े के ढेर हटाये जाते हैं। सफाई कर्मियों की इस लापरवाही पर अस्पताल प्रशासन भी खामोश है। जगह-जगह पान मसाला (गुटखा) की पीक दिवार व कोने में जमी हुई है। महिला अस्पताल की सीएम्एस डॉ मधु गैरोला ने बताया की क्षमता से अधिक मरीजोंके भर्ती होने से समस्या हो रही है, लेकिन साफ़-सफाई की व्यवस्था के बारे में पूछने पर कहा की देखा जायेगा। सीएमएस का यह गैरजिम्मेदाराना रवैय्या भी अस्पताल में फैली बदइंतिज़ामी का जिम्मेदार है। अब देखना यह है कि जिले के उच्च अधिकारियों की कृपा दृष्टि इस अस्पताल पर कब होती है और मरीजों व परिजनों को इस असुविधा से छुटकारा कब मिलता है???
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.