अविनश द्विवेदी, भिंड (मप्र), NIT; परम्परागत खेती के साथ सब्जी की खेती का रकबा बढ़ाने की म.प्र.सरकार की कोशिशों को ध्यान में रखते हुए भिण्ड जिले की गोहद तहसील के किसान श्री नारायण सिंह बाथम पुत्र श्री दाताराम सिंह बाथम के जीवन में समृद्धि लाने में सार्थक बन रही है सब्जी की खेती। इस खेती ने उनकी तकदीर बदल दी है।
जिले के गोहद निवासी श्री नारायण सिंह बाथम के पिता गरीब किसान थे। परिवार का भरण-पोषण करने का मुख्य माध्यम खेती थी। परम्परागत खेती से आर्थिक जिम्मेदारी उठाने की सीख उनके पिता ने किसान श्री नारायण सिंह को दी। उन्होंने पिताजी की तरह परम्परागत तरीके से खेती में रूचि बढ़ाना प्रारंभ किया। परन्तु उनके मन में विभिन्न प्रकार की सब्जियां पैदा करने की ललक जाग्रत हुई। उन्होंने कृषि विभाग गोहद के आत्मा एवं किसान कल्याण विभाग के स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया। इसके उपरांत किसान नारायण सिंह बाथम को सब्जी की खेती प्याज, मिर्च, बेगन, टमाटर की प्रेरणा लेकर उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
42 वर्षीय किसान श्री नारायण सिंह बाथम को प्रशिक्षण के दौरान कम लागत में सब्जी पैदा करने वाली फसलों में कीट रोग से बचाव के तरीके समझे। जनवरी 2012 में किसान द्वारा आत्मा के मैदानी अधिकारियों से ली गई गई सीख के अनुसार सब्जी फसल में लाईट ट्रेप लगाने की जानकारी प्राप्त की। जिसके कारण उनके द्वारा बोई गई प्याज, मिर्च, बेगन, टमाटर की खेती में कीट व्याधि में कमी आई। साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कम पानी में फसलें लेने की विधि का उपयोग किया। उनकी सब्जी की खेती प्याज, मिर्च, बेगन की बम्पर पैदावार आर्थिक तरक्की में सहारा बनी। किसान श्री बाथम को 15 मार्च 2013 में उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में सब्जी की पैदावार का प्रदर्शन किया। जिस पर से म.प्र.सरकार द्वारा किसानों की खेती को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत किसान श्री बाथम को प्रशस्ती पत्र कर सम्मानित किया गया। किसान श्री बाथम को सब्जी की खेती में सराहा गया। साथ ही उनको आनंद गुजरात में परम्परागत खेती की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से भेजा गया। जिस पर से किसान श्री बाथम को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शेष्ठ किसान पुरूष्कार से नवाजा गया। साथ ही 51 हजार रूपए की राशि के साथ ट्रोफी एवं प्रशस्ती पत्र से नवाजा गया।
किसान श्री बाथम को कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त करने की दिशा में फरवरी 2014 में पंजाब राज्य के चंडीगढ़ में आयोजित मेले में भाग लेने के लिए सुविधा प्राप्त हुई। साथ ही उनके द्वारा अपनी खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में ज्ञान प्राप्त हुआ। वर्ष 2015 में आत्मा के मार्गदर्शन में प्याज किस्म एग्रीफाउण्ड डार्करेड लगाने की समझाईस स्थानीय अधिकारियों द्वारा दी गई। जिसके कारण उनकी प्याज की बम्पर पैदावार होने पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित भावो के अनुसार चार लाख का लाभ प्राप्त हुआ। किसान श्री बाथम ने अपनी सब्जी का व्यापार लेने की दिशा में खेती किसानी से हुई आय के द्वारा बुलोरो पिकप वाहन क्रय कर अपने व्यावसाय को आगे बढ़ाने के प्रयास किए।
किसान श्री नारायण सिंह बाथम ने आधुनिक तौर तरीके से सब्जी की खेती पैदा करने की दिशा में अपने खेतो की मेड़ पर मूली के अलावा प्याज एवं बेंगन की फसल के अलावा लोकी भी लगाई। इस दिशा में बीडर से निराई-गुड़ाई से उनकी सब्जी की पैदावार में बढोत्तरी हुई। साथ ही उनको अधिक उत्पादन एवं लाभ प्राप्त हुआ। जिस पर से किसान श्री बाथम को आत्मा अंतर्गत राज्य स्तरीय उत्कृष्ट कृषक पुरूष्कार 50 हजार रूपए के साथ शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ती पर से नवाजा गया। उन्नत खेती की दिशा में उनको राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय ग्वालियर के माध्यम से पंजाब में उन्नत किस्म की खेती का भ्रमण कराया। साथ ही उनको राज्य स्तरीय कृषक पुरूष्कार से पंजाब के राज्यपाल मा.श्री कप्तान सिंह सोलंकी द्वारा सम्मानित किया गया।वर्ष 2017 में सहायक संचालक कृषि श्री रामसुजान शर्मा एवं आत्मा के श्री बीटीएम श्री मलखान सिंह गहलौत की सलाह पर से किसान श्री बाथम ने 1.40 हैक्टेयर में खरीफ प्याज किश्म एग्री फाउण्ड डार्करेट का उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी। इस सलाह से उनकी प्याज की खेती में हुई बम्पर पैदावार से 10 लाख 36 हजार रूपए की आय प्राप्त हुई। जिसमें से 1 लाख 50 हजार रूपए की लागत निकालकर किसान श्री बाथम को 8 लाख 46 हजार रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।
जिले के गोहद निवासी किसान श्री नारायण सिंह ने बताया कि म.प्र.सरकार द्वारा किसानो की खेती को लाभकारी बनाने में सक्षम बन गया हूँ। साथ ही जिला प्रशासन और आत्मा तथा कृषि विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से तरक्की की राह पकड़ रहा हूँ। मैं और मेरा परिवार शासन, प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के प्रति आभारी हूँ।
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