फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT; उत्तर प्रदेश में प्राइवेट डाक्टर तो कमीशन के लिए मंहगी दवाइयां व जांच तो लिखते हीरहते हैं लेकिन यहां के सरकारी डॉक्टर भी इन से बिल्कुल पीछे नहीं हैं। ये सरकारी दवाइयां देने के बजाए कमीशन की लालच में अक्सर बाहरी दवाइयां व जांच लिखते रहते हैं। ऐसा ही मामला जिला अस्पताल बहराइच में भी देखने को मिल रहा है।
बहराइच जिला अस्पताल में मरीजो का शोषण करने का सिलसिला थम नहीं रहा है बीते दिनों जहां दवा व इलाज में लापरवाही को लेकर स्टाफ से मारपीट हुई तो वही आज एक चिकित्सक द्वारा दवा में कमीशनखोरी को लेकर झड़प होने का मामला प्रकाश में आया है। धरती का भगवान कहे जाने वाला ये डॉक्टर बिना गरीबी अमीरी देखे मरीजों की जेब काटने पर तुले हुए हैं। शुक्रवार को सोनवा थाना अन्तर्गत निवासी रजनी सिंह पुत्री दिनेश सिंह बीमारी की हालत में अस्पताल के 26 नम्बर कमरे में डॉक्टर पी तिवारी को दिखाने पहुंचा तो चिकित्सक से सेटिंग की जनरिक दवाएं लिख दिया। जब वो अपने परिचित के मेडिकल स्टोर पर पहुँचा तो केमिस्ट ने अच्छी कम्पनी की दवा दे दी। जब वो मरीज डॉक्टर को दवा दिखाने पहुँचा तो ये बात डॉक्टर को नागवार गुजरी इसी बात को लेकर मरीज व चिकित्सक में झड़प भी हो गई। यही नही मरीज को चिकित्सक ने अस्पताल में मशीन व पैथालॉजी होने के बाद भी बाहर से अल्ट्रासाउंड व अन्य जांचों का पर्चा थमा दिया। भड़के परिजन मरीज के साथ सी एम एस के पास जाकर डॉक्टर की शिकायत की लेकिन सी एम एस भी इस मामले की लीपापोती करने में लगे रहे। इस घटना से सवाल ये उठता है कि योगी सरकार के सख्त फरमानों के बावजूद भी ये बे अंदाज चिकित्सक बाहर की जाँच व दवाएं कैसे लिख रहे हैं। आखिर इस बेखौफ डॉक्टर पर जिले के आलाधिकारी कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं?
इस सम्बंध में जब सी एम एस डॉक्टर टण्डन से बात की गई तो उन्होंने कार्यवाही करने की बात कहते हुए अपने फर्ज की अदायगी कर ली। उल्लेखनीय है कि कई बार अस्पताल में मरीजो के शोषण से जुड़ी घटनाओं के बारे में सी एम एस से शिकायत की गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
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