पीयूष मिश्रा/ अश्वनी मिश्रा की खास पड़ताल
छपारा/सिवनी (मप्र), NIT; 20 हजार से ज्यादा आबादी वाली छपारा नगर की जनता के लिए यह जानना जरूरी है कि जिस नगर के लिए विगत वर्षों में 2 करोड़ 70 लाख इंटेक वेल और जल प्रदाय योजना को भारी तामझाम से तथाकथित नेताओं के द्वारा बढ़-चढ़कर बताया गया था अब उक्त योजना शुरू होने के पहले ही खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है। पूरा मामला पीएचई विभाग और ठेकेदार तथा संबंधित जनप्रतिनिधियों की कमीशनखोरी की बलि चढ़ गया है और जमीनी हालात यह बताने को काफी है कि आने वाले कुछ समय में ही छपारा की जनता को बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि विगत वर्षों में छपारा नगर की लगभग 20 हजार से अधिक आबादी वाली जनता को पेयजल सप्लाई के लिए 2 करोड़ 70 लाख की इंटक वेल तथा पाइपलाइन योजना की सौगात मिली थी, लेकिन पीएचई विभाग और संबंधित ठेकेदार तथा जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के चलते अब यह जल प्रदाय योजना शुरू होने के पहले ही पूरी तरह खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जिस स्थान पर इंटकवेल बनाया गया है वहां पूर्णता मापदंडों के विपरीत देखा जा सकता है क्योंकि मार्च माह के शुरुआत में ही इस इंटकवेल से लगभग 20 फीट दूर बैनगंगा नदी का जलस्तर पहुंच चुका है अब सवाल यह है कि ऐसी स्थिति क्यों निर्मित हुई और इन सब सवालों के जवाब देने के लिए कोई भी विभागीय अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि तैयार नहीं है।
कमीशनखोरी की भेंट चढ़ी जल प्रदाय योजना
लगभग 7 से 8 वर्ष पूर्व 2010-2011 में मैं स्वर्गीय ठाकुर हरवंश सिंह केवलारी विधायक के प्रयासों के चलते छपारा नगर की आम जनता के लिए पेयजल सप्लाई हेतु इंटेकवेल कहां जाए तो (कुआं) और फिल्टर तथा टंकी के नाम पर 2 करोड़ 70 लाख रूपय शासन-प्रशासन से स्वीकृत कराए गए थे। विभागीय सूत्रों की मानें तो 2 करोड़ 70 लाख जल प्रदाय योजना के अनुसार छपारा नगर में स्थित पीएचई कार्यालय में पानी फिल्टर की एक टंकी बनाई गई है। उक्त टंकी के लिए कहां कितनी राशि खर्च की गई यह कोई बताने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं छपारा नगर में इस योजना के तहत कहां और कितनी नई पाइप लाइन का विस्तार किया जाना प्रस्तावित था इस सवाल का भी जवाब विभागीय अधिकारी देने को तैयार नहीं है। इस पूरे मामले में जमीनी हकीकत यह बताने को काफी है कि 2 करोड़ 70 लाख की जल प्रदाय योजना संबंधित पीएचई विभाग और ठेकेदार सहित कुछ तथाकथित जनप्रतिनिधियों की कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गई है।
मापदंड के विपरीत बना इंटकवेल 20 फीट दूर पहुंचा पानी
उक्त पूरे मामले में पीएचई विभाग और संबंधित ठेकेदार के द्वारा छपारा कला के मोक्ष धाम के समीप इंटेक वेल अर्थात कुए का निर्माण बीते वर्ष किया गया था जो आज भी पूरी तरह अपूर्ण स्थिति में है। निविदा के अनुसार इस इंटकवेल का कार्य आज भी पूरी तरह अपूर्ण पड़ा हुआ है जो जमीनी हकीकत बताने को काफी है। विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार तथा तथाकथित जनप्रतिनिधियों की कमीशनखोरी के चलते मार्च माह के शुरुआत में ही उक्त परियोजना शुरू होने के पहले ही पूरी तरह खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जब हमारी टीम ने इंटकवेल योजना का स्थल निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई और यह जानकारी उक्त विभागीय अधिकारियों तथा ठेकेदार सहित वाही वाही लूटने वाले जनप्रतिनिधियों की पोल खोलने के लिए काफी हैं। जब हमारी टीम ने कर्बला घाट और छपारा कला के समीप बने इंटेक वेल का निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई। जिस स्थान पर उक्त इंटकवेल का निर्माण किया गया है उसके पानी स्टोर करने के स्थल से लगभग 20 फीट नीचे वैनगंगा नदी का पानी पहुंच चुका है ऐसी स्थिति में क्या छपारा नगर को उक्त योजना का लाभ मिल पाएगा यह कोई बताने को तैयार नहीं है लेकिन हमारी टीम के निरीक्षण के दौरान जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं वह यह बताने को काफी है कि इस पूरी परियोजना में निर्माण एजेंसी और ठेकेदार सहित जनप्रतिनिधियों ने भी भारी कमीशनबाजी की है जिसका पूरा खामियाजा छपारा की जनता को भुगतना पड़ेगा।
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