पीयूष मिश्रा /अश्वनी मिश्रा, सिवनी/छपारा (मप्र), NIT;
बैनगंगा नदी के फरवरी और मार्च माह के प्रथम सप्ताह के हालात यह बताने को काफी हैं कि आने वाली गर्मियों में सिवनी जिले के साथ-साथ भीमगढ़ डैम और बैनगंगा नदी से जुड़े हुए नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में हालात गंभीर होने वाले हैं।
बैनगंगा नदी के फरवरी और मार्च माह के शुरुआत में ही सूखने के कारण छपारा नगर में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचने लगा है। बावजूद इसके शासन प्रशासन और नकारा जन प्रतिनिधियों की नींद अब तक नहीं खुल पाई है। मार्च माह के पहले ही सप्ताह से छपारा नगर की लगभग 20 हजार की आबादी वाली जनता को सप्ताह में सिर्फ एक दिन नलों से पानी नसीब हो रहा है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। छपारा नगर के किनारे से बहने वाली वैनगंगा नदी पूरी तरह से सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है जिसके चलते नगर में सुबह से लेकर देर रात तक हैंडपंपों और कुएं में पानी के लिए कतारें लगी रहती हैं। यही नहीं पानी के लिए कई जगहों पर तो वाद विवाद की स्थिति भी देखने को मिल रही है। छपारा नगर की जनता से हाथ जोड़कर वोट मांगने वाले जन प्रतिनिधियों और नेताओं को इस बात से कोई सरोकार नहीं है और छपारा की जनता पानी पानी के लिए तरस रही है।
बैनगंगा और भीमगढ़ डैम सूखने के कगार पर
सिवनी जिले और छपारा नगर के किनारे से बहने वाली पवित्र बैनगंगा नदी पूरे जिले वासियों के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार और धरोहर है, लेकिन बैनगंगा नदी के दोनों तटों और डैम के डूब क्षेत्र में सिंचाई विभाग तथा पट्टा माफिया की मिलीभगत से हजारों एकड़ डूब क्षेत्र और अब तो नदी के ऊपर ही अवैध तरीके से खेती करने का खेल बे-खौफ चल रहा है। यही नहीं विद्युत विभाग और पट्टा माफियाओं की सांठगांठ से भीमगढ़ डैम और बैनगंगा नदी के तटों से लगे डूब क्षेत्र में खेती कर रहे लोगों के द्वारा हजारों की संख्या में अवैध तरीके से मोटर पंप लगाकर नदी का पानी चोरी किया जा रहा है। जिसके चलते फरवरी और मार्च माह के प्रथम सप्ताह में ही बैनगंगा नदी तथा भीमगढ़ डैम सूखने के कगार पर है और दिनोंदिन स्थिति भयावह बनती जा रही है, जिसका नजारा साफ साफ देखा जा सकता है। पट्टा माफिया, एरिगेशन और विद्युत विभाग की मिलीभगत का परिणाम छपारा की जनता के साथ साथ आने वाले कुछ ही दिनों में सिवनी नगर की जनता को भी भोगना पड़ेगा।
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