शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;
कैमोर में स्थापित एसीसी सीमेंट प्लांट के अंतर्गत महगांव माईन्स (खदान) सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रख कर खदान संचालित है। सुरक्षा का दावा करने वाली एसीसी सीमेंट प्लांट महज एक दिखावा है जबकि हकीकत यह है कि जिला प्रशासन की मिलीभगत से असुरक्षित खदाने संचालित है। एसीसी की प्रमुख खदान महगांव मे संचालित है जहां समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं है बल्कि खुले में खदानों से पत्थर निकाला जा रहा है।
लीज से अधिक भूमि का खनन
शासन द्वारा दी गई लीज की सीमा पार कर खदान की खुदाई की जा रही है। एसीसी ने पत्थर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी रही है। खदानों की गहराई भय पैदा कर रही है, जिसमें जहां घरेलू पशुओं की जानों को खतरा है वहीं आसपास पास घुमने वाले ग्रामीणों के साथ भी कोई भी घटना घटित होने की संभावना बनी रहती है। आरोप लगाया जा रहा है कि जिला प्रशासन एसीसी से लाभ प्राप्त कर क्षेत्रीय जनमानस के साथ खिलवाड़ कर रही है। एसीसी को किसी नियम कानून मानने की जरूरत नहीं है, वह सिर्फ अधिकारीयों व जन प्रतिनिधियों की जी हजूरी कर नियम कानून की धज्जियां उड़ा रही है।
महगांव अमेटा में लगेगा नियम विरुद्ध नया प्लांट
सूत्रों की मानें तो कैमोर से जुड़े जन प्रतिनिधि नियम कानून का मजाक बना रहे हैं। खुलेआम एसीसी को समर्थन दे कर क्षेत्र की जनता को ठगा जा रहा है। एसीसी ने अभी तक क्षेत्रीय जनता को न तो रोजगार दिया है और न ही मूलभूत सुविधा बल्कि जनमानस की भावनाओं के साथ खेल खेला जा रहा है और अब नया प्लांट लगाने की तैयारी में है। यहां जन प्रतिनिधि जनता की हितैषी भाजपा के नाम पर कालिक पोत रहे हैं और क्षेत्रीय जनता की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से नये प्लांट की अनुमति देने की फिराक में हैं, जबकि एसीसी सीमेंट प्लांट कैमोर का जमकर विरोध हो रहा है। क्षेत्रीय जनता का कहना है कि एसीसी प्लांट पहले से स्थापित है, उसने हमारी जरूरतों को कभी ध्यान नहीं दिया, ऊपर से मूलभूत सुविधाओं की मांग करने वालों पर कानूनी गाज गिराई जाती है। रोजगार के लिए भी स्थानीय लोगों को नही लिया जाता बल्कि बाहरी मजदूरों को बुलाकर काम दिया जाता है। प्लांट से लगे हुए गांव आज भी एसीसी के प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। गम्भीर बीमारियों से आए दिन लोगों की मौत हो रही है। एसीसी प्लांट को भाजपा नेता अपना संरक्षण देकर क्षेत्र की जनता के साथ भावनात्मक खिलवाड़ कर रहे हैं।
प्लांट नही मौत का जरिया बना एसीसी
अभी तक एसीसी प्लांट ने कागजों की खानापूर्ति कर समाज सेवा का ढोंग रचा है, जबकि हकीकत यह है कि एसीसी प्लांट न तो रोजगार दे पा रही है और न ही कोई सुविधा, अगर क्षेत्र की जनता को कुछ मिला तो सिर्फ प्रताड़ना और बीमारियां। प्लांट से लगे हुए गांव बडारी, अमुआरी, खरखरी, महगांव के लोग आज भी एसीसी के प्रदूषण की वजह से टीबी जैसी गम्भीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और उसी जगह पर शासन ने नया प्लांट देने की नियत बना रखी है। ग्रामीणों का कहना है कि एसीसी प्लांट क्षेत्रीय लोगों के लिए मौत का जरिया बन चुका है, जहां जनता एसीसी की से वजह से घुट घुट कर मरने को बेबस है। शासन प्रशासन को सिर्फ एसीसी का मुनाफा नजर आ रहा है, क्षेत्रीय जनमानस से कोई लेना देना नहीं है, जबकि कांग्रेस के राज में ऐसा नहीं हो पाता था। भाजपा ने अगर एसीसी को महगांव में नया प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की तो क्षेत्रीय जनमानस के साथ खिलवाड़ माना जाएगा और आम जनता आक्रोशित हो सकती है।
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