अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT;
हाल ही में राजस्थान व मध्य प्रदेश में हुये उप चुनाव में वहां के प्रभावशाली व जनप्रिय कहलाने वाले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया व शिवराज सिंह चौहान के लाख जतन करने के बावजूद भी भाजपा सत्तारुढ दल होने के बावजूद भी कांग्रेस के हाथों बुरी तरह पराजित होने पर देश भर के सियासी आंकलन कर्ता अपने अपने हिसाब से आंकलन करने में लगे हैं कि इस हार का प्रमुख कारण प्रधानमंत्री मोदी का गिरता ग्राफ है या फिर भाजपा के खिलाफ जनता का बनता जेहन व उसके किये वादों के पूरा ना होने पर आक्रोश, यह तो समय आने पर ठीक ठीक पता चलेगा लेकिन आठ-नो महिने बाद इन दोनों प्रदेशों में आम चुनाव होना है। उपचुनाव में आये परिणाम आने वाले आम विधान सभा चुनाव में भाजपा के लिये खतरे की घंटी बजने की तरफ साफ संकेत जरुर कर रहे हैं।
राजस्थान के अजमेर व अलवर का लोकसभा व माण्डलगढ विधानसभा में भाजपा के जीते हुये उम्मीदवारों की मृत्यु के बाद खाली हुई सीट पर पिछले महीने हुये उपचुनाव मे भाजपा को कांग्रेस के हाथों बुरी तरह हार का मजा चखने से एवं कल ही मध्यप्रदेश की मुंगवाली व कोलरास विधान सभा सीट के हुये उपचुनाव के आये परिणाम में भी कांग्रेस के हाथों भाजपा को बूरी तरह मात खानी पडने के बाद सियासी गलियारों में भाजपा के खिलाफ जनता का बनता मिजाज माना जा रहा है। जबकि इन्हीं के साथ उडीसा सहित अन्य स्टेट में हुये उपचुनाव में वहां की सत्ताधारी पार्टी ने ही विजय पताका फहराया है।
उपचुनाव में करारी हार के बाद राजस्थान भाजपा सरकार व उनके नेताओं के एक दफा तो सांप सा सूंघ गया था। पर अब भाजपा ने अगामी आठ मार्च को झुंझुनु में प्रधानमंत्री मोदी को बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के तहत बुलाकर विशाल सभा करके शायद एक तरह से पार्टी एकजुटता व सक्रीयता का संदेश देकर वर्करस में नया जोश भरने की चेष्टा कर रहे हैं। सभा की तैयारी व भीड़ जूटाने के लिये अनेक मंत्रियों ने काफी समय से झुंझुनू में डेरा डाल रखा है। तो 28-फरवरी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं झुंझुनु आकर तैयारीयो का जायजा ले चुकी हैं। शेखावाटी जनपद के अलावा लगते जिलों के भाजपा नेताओं व विधायकों की कोशिश से ढंग की भीड़ जूटना आसान बात है। लेकिन झुंझूनु जिला भी अजीब सीयासी मिट्टी का बना हुआ है। 2013 के आम चुनाव में पिलानी से भाजपा उम्मीदवार जीतने के बाद विधायक के त्यागपत्र देने पर हुये उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार श्रवण चोधरी के हाथों भाजपा के दिग्गज व राजे के खासमखास दिगम्बर सिंह को हार का मजा चखना पड़ा था। जाट व मुस्लिम बहुल झुंझूनु लोकसभा क्षेत्र से अधिकांश समय कांग्रेस का सांसद बनता रहा है। लेकिन दो दफा जनता पार्टी, एक दफा एनसीपी व जनता दल एवं एक दफा भाजपा के अलावा निर्दलीय भी सांसद जीत चुके है।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान में कमजोर पड़ती भाजपा में आठ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी झुंझूनु सभा करके कीतनी ताकत फूंक पाते हैं, इसका ठीक ठीक आंकलन तो आठ महिने बाद आने वाले आम विधान सभा चुनाव के परिणामों से ही पता चलेगा। लेकिन इस सभा के बहाने भाजपा में एकजूटता जरुर दिखाई देने लगी है।
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