अतिश दीपंकर, पटना (बिहार), NIT;
बिहार के बेतिया में मनुआ पुल थाना से आधा किलोमीटर आगे और जीरोमाइल के बीच बसंतपुर टोला में सड़क निर्माण में हो रही लापरवाही से आए दिन लोग सडक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।बताया जाता है कि नेशनल हाइवे का निर्माण बरसों से यहां हो रहा है जो कि पूरा अब तक नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि एक तरफ सड़क बनाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ की सड़क आगे जाकर के बंद हो जाता है। यहां आगे कच्ची सड़के हैं या यूं कहा जाए सड़क ही नहीं हैं बावजूद यहां बैरियर भी नहीं लगाया गया है ना ही एक बोर्ड भी लिखा गया है कि काम प्रगति पर है जिससे खासकर रात में आए दिन एक्सीडेंट होता रहता है। एक्सीडेंट में कई लोगों की जानें भी गई हैं ऐसा कहा जा रहा है।
कल भी बीती रात बेतिया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता हरिओम श्रेष्ठी अपनी Bullet से आ रहे थे कि उनको आगे रोड ही नहीं दिखा। वह गाड़ी चलाते समय यह समझे कि आगे रोड होगा लेकिन आगे रोड नहीं था । उस जगह पर ठेकेदार को बैरियर लगाना चाहिए या बोर्ड लिखा हुआ रहना चाहिए कि काम प्रगति पर है पर ऐसा कुछ भी नहीं था जो कि चालक को गाड़ी चलाते वक्त ध्यान केंद्रित हो । कहा जा रहा है कि यहां जो दुर्घटनाएं होती है उसमें 80% लोग मर जाते हैं। 20% ही बचते हैं क्योंकि यहां पर बड़ी दुर्घटनाएं होती है और वह भी खासकर रात में।
आरोप लगाया जा रहा है कि, सरकार ,प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं घट रही हैं।
इस संबंध में कल रात दुर्घटनाग्रस्त हुये अधिवक्ता हरिओम श्रेष्ठी ने आज NIT संवाददाता को बताया किथ ,NH निर्माण के लापरवाही के कारण वे दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। अधिवक्ता हरिओम श्रेष्ठी ने कहा कि NH पर एक तरफ सड़क बन रहा है तो दूसरी तरफ आगे सड़क ही नहीं है लोगों का इसका पता तब चलता है जब वह एक्सीडेंट हो जाता है ।अधिवक्ता हरिओम श्रेष्ठी ने कहा कि उस जगह पर बैरियर लगा होना चाहिए या बोर्ड लिखा हुआ होना चाहिए कि कार्य प्रगति पर है जिससे चालक का ध्यान आकर्षित हो और वह अपनी गाड़ी को दिशा दे सके। उन्होंने कहा कि ऐसा ना होने के कारण अचानक जब उन्हें सड़क नहीं मिलता है तो वे दुर्घटनाग्रस्त हो गये । उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग एक्सीडेंट में मर जाते हैं उन्होंने कहा कि मैं स्वयं मौत के मुंह से लौटा हूं फिर भी मेरा हाथ फुल रूप से डैमेज हो गया है । हाथ , पीठ पर प्लास्टर पड़ा है । डॉक्टरों ने एक महीना तक हाथ से काम नहीं करने को कहा है और 6 महीना तक रेस्ट बताया है । उन्होंने सरकार, प्रशासन और ठेकेदार से मांग की कि इसमें सुधार लाया जाए ताकि आगे किसी का ऐसा एक्सीडेंट ना हो।
सड़क निर्माण में हुए दुर्घटनाग्रस्त के कारण वे आक्रोशित थे और उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लापरवाही के कारण हुए एक्सीडेंट को लेकर मैं केस करूंगा।
इस संबंध में बेतिया एसडीओ से जानना चाहा तो उन्होंने कहां की ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है ।बेतिया एसडीओ ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है फिर भी मैं देखता हूं।
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