राहुल यादव, जौनपुर (यूपी), NIT;
जौनपुर जिले के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के ब्लाक प्रमुख ने बीडीओ पर अवैध वसूली के गम्भीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
ब्लाक प्रमुख ने NIT संवाददाता को बताया कि खण्ड विकास अधिकारी सतीश चंद्र पांडेय अपने बाबू (लिपिक) विनोद कुमार चौबे के साथ मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के घर घर जाकर 5000 से 6000 रुपये जांच के नाम पर वसूली कर रहे हैं। इस मामले की शिकायत उन्होंने खुद जिलाधिकारी जौनपुर से की है।
उन्होंने बताया कि लिपिक विनोद कुमार चौबे इसी ब्लाक के मूल निवासी भी हैं और यह पिछले 12 साल से इसी ब्लाक में कार्यरत हैं। पिछले 2 साल में इनका चार बार स्थानांतरण किया गया परंतु अपने राजनीतिक एवं आर्थिक प्रभाव के कारण पुनः इसी ब्लाक में कार्यरत हो जाते हैं। यहां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
इस मामले में सीडीओ ने बताया की इस कि जांच चल रही है। जांच के बाद आरोपियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के दावे युद्ध स्तर पर करते हैं, वहीं ज़मीनी हकिकित कुछ और ही है। यहां ब्लाक के ही कुछ अधिकारी और (लिपिक) मिल कर पूरे ब्लाक के योजनाओं के पैसे अपने जेब में भर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी खुले आम अवैध वसूली का आरोप लग रहा है। जब पहली किस्त ज्योटेकिंग होने के बावजूद जब पात्र के खाते में जांच के बाद पहुँच गई तो दोबारा जब किस्त देने की बात आयी तो लाभार्थियों से ब्लाक के बीडीओ और बाबू मिलकर अवैध वसूली के लिये योजना बंद तरीके से वसूली शुरू कर दी। दुर्भाग्यपूण बात यह है कि इस ब्लाक में कुल 202 राजस्व गांव है और 212 सफाई कर्मी है फिर भी 20 राजस्व गांव खाली हैं, जहाँ सरकार स्वछता मिशन चला रही है। कुछ न्याय पंचायत में पिछले तीन सालों से कोई भी सफाई कर्मी नहीं है। किशनपुर नगर पंचायत में एक गांव कादीपुर में भी लगभग तीन सालों से कोई सफाई कर्मी नहीं है। वहीं जिले से लेकर ब्लाक तक कुछ बड़े अधिकारी अपने बंग्लों की सफ़ाई के लिए सफाईकर्मी नियुक्त कर रखे हैं और तो कुछ राजस्व गांव में तो राजनीति सह से दो दो सफाई कर्मी नियुक्त कर रखे हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार की सबसे बड़ी मनोकांक्षा योजना स्वच्छता मिशन चला रही है, मगर जिले के कुछ अधिकारी इस स्वछता मिशन योजना पर पानी फेर रहे हैं। अगर जमीनी हकीकत देखी जाये तो ब्लाक से कुछ ही दूर राजस्व गांव बदोवा है, जहाँ पर कुल चार सफाई कर्मी हैं फिर भी पूरे गांव में जगह जगह कूड़े का अम्बार लगा हुआ है। ग्रमीणों का कहना है कि सभी सफाई कर्मी कभी आते ही नहीं हैं।
इसी तरह से पूरे मड़ियाहूं ब्लाक में यही हाल है। सरकार जहाँ स्वछता मिशन पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है वही अधिकारी स्वछता मिशन पर तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
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