अनुज ओझा, भिंड (मप्र), NIT; आज प्रातः पढ़ने वाले छात्रों का हुजूम उमड़ने लगा और सभी सामाज सेवी लोग, वरिष्ठ अध्यापक , कुछ वकीलों की टोली भी सम्मलित होने लगी। नजारा था खंडा रोड पर स्थित मौन जुलूस का। गौरतलब है कि पिछले वर्ष नकल रूपी राक्षस का नरसंहार प्रवीण सिंह जी ने उग्र सुभाव में लक्ष्मण की तरह समूल रूप से नष्ट कर इस नक़ल विरोधी संग्राम में जिलाधीश इलैया राजा टी के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर समाप्त किया था। गरीबों के हितैषी ,भ्रस्टाचार विरोधी एवं अनेक प्रतिभा से परिपूर्ण जिले के ग्रामीण इलाके में हो रहे सर्वांगीण विकास में खुद की भागीदारी सुनिश्चित करने वाले प्रवीण सिंह सीईओ जिला पंचायत का आनन-फानन में तबादला भिंड की आवाम को रास नही आया, क्यों की पैनी नजर सभी विकास कार्यों पर एक एकाग्रचित बगुले की तरह रही है। फिर चाहे वह शौचालय मुक्त गांव हो, चाहे वह शौचाला घोटाला पकड़ने की बात हो, चाहे नक़ल पर नकेल कसने पर रचा जाने वाला इतिहास हो, वो अपने कर्तव्यपथ पर कभी थकावट महसूस न करते हुए हमेशा एक नई ऊर्जा से अग्रसर होते नजर आयेे। भिंड के इतिहास में दो सौ से अधिक स्कूलों की मान्यता के निरस्त करने का मामला भी भारत वर्ष में किसी भी एक जिले के लिए ऐतिहासिक कार्यवाही ही मानी जाती रही है। नक़ल माफिया के होश उड़ाने में भी उनकी कमाल की ऊर्जा दिखी। धीरे-धीरे भिंड से अच्छे ऑफिसर्स का तबादला होना भी एक तरीके से जनता की रक्षक न होकर जनता की भक्षक होती जा रही सरकार। सरकार को दबी जुबान से चेतावनी देकर युवाओं ने कहा ये तूफ़ान के आने से पहले की सनसनी है और इन नीतियों से आगामी दिनों में विध्वंस होना निश्चित है।
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