दवा प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय संगठन एफएमआरएआई के आव्हान पर दवा उद्योग में काम करने वाले देशभर के सारे दवा प्रतिनिधि आगामी 3 फरवरी को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; ​दवा प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय संगठन एफएमआरएआई के आव्हान पर दवा उद्योग में काम करने वाले देशभर के सारे दवा प्रतिनिधि आगामी 3 फरवरी को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल | New India Times
दवा प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय संगठन एफ एम आर ए आई के आव्हान पर दवा उद्योग मे काम करने वाले देशभर के सारे दवा प्रतिनिधि आगामी 3 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हडताल पर शामिल होगे।सइस की जानकारी देते हुये रीवा इकाई के सचिव एवं राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सौरभ मिश्रा ने बताया कि किस तरह से “जन स्वास्थ्य एवं दवा संबंधित मुद्दों ” पर देश की केन्द्र सरकार ने अपनी जन विरोधी नीतियों से देश की गरीब आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया है।

  • आम जन मानस इस बात से अनभिज्ञ है कि जीवन रक्षक दवाओं / मेडिकल उपकरणों जैसे पेस मेकर स्टंट और अन्य स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं की कीमत मे हो रही बेहताशा वृद्धि के लिये सीधे तौर पर केन्द्र सरकार का हाँथ है, जबकी इनके मूल्य नियंत्रण का अधिकार केन्द्र सरकार के पास है लेकिन वह मूक दर्शक बनकर दवा कंपनियों को लूटने की खुली छूट दे रही है और अपनी जन विरोधी नीतियों जिनमें पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार वृद्धि एवँ दवाओं पर विभिन्न तरह के टैक्स लगाने से जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों मे लगाकर वृद्धि हो रही है।सरकार की इन नीतियों से साफ स्पस्ट हो गया है कि वह गरीब और बीमार जनता की बजाय दवा उद्योग पतियों के हित मे काम कर रही है। 

3 फरवरी की हड़ताल को लेकर संगठन के प्रदेश उपाध्यछ कॉमरेड सौरभ मिश्रा ने 27 जनवरी को सम्पन्न सेमिनार मे बताया कि आजादी के पूर्व और बाद के समय मे विभिन्न सरकारों ने दवा उद्योग मे जो भी कानून बनाये उनमे वर्तमान केन्द्र सरकार ने अपनी सीमायें पार करते हुये विदेशी निवेश के नाम पर विदेशी कंपनियों को भारतीय दवा उद्योग मे 100% विदेशी निवेश की मंजूरी देकर आम गरीब जनता को लूटने की खुली छूट दे दी है और ये विदेशी कंपनियाँ देश मे बिना कारखाने लगाये अपने ही देश से उत्पादन कर केवल बेचने और अकूत मुनाफा का काम करेंगी, परिणाम स्वरूप इस विदेशी निवेश से देश मे किसी भी रोजगार का सृजन नही होगा।

हमारे राष्ट्रीय संगठन एफ एम आर ए आई ने देश की गरीब और बीमार जनता के हित मे दवाइयों के मुद्दों पर देशव्यापी आंदोलन छेड रखा है, इसी तारतम्य मे देश के सारे दवा प्रतिनिधियों ने 21 नवम्बर 16 को देश की संसद के समक्ष धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया था और आगामी 3 फरवरी 17 को इन्ही मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी हडताल मे जाने का निर्णय लिया है जिसमे सारे देश के 2 लाख से ज्यादा दवा प्रतिनिधि अपना काम बंदकर अपना विरोध दर्ज करेंगे।

केन्द्र सरकार से प्रमुख मांगे:-

1- सभी दवाइयों मेडिकल उपकरणों को लागत मूल्य पर आधारित मूल्य नियंत्रण सूची मे शामिल किया जाये।

2-जीवन रक्षक दवाओं /उपकरणों को सभी करों से मुक्त किया जाये ।

3-दवा उद्योग मे विदेशी विनिवेश पर सरकार का नियंत्रण हो।

4-देश की सार्वजनिक क्षेत्र की दवा इकाइयों को पुनर्जीवित किया जाये।

5-दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिये सख्त कानून बनाये जाये।

6-दवाओं की आनलाइन बिक्री पर रोक लगाई जाये।

दवा एवं अन्य उद्योग में कार्यरत सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों के प्रति उदासीनता दिखाने में राज्य सरकारें केंद्र सरकार से दो कदम आगे है।पिछले दो दशकों से हुए कई आंदोलन के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने जैसे तैसे न्यूनतम वेतन की अधिसूचना जारी की परंतु 8 घण्टे काम के समय निर्धारण की मांग मध्यप्रदेश सरकार की फाइलों में गम है। कम्पनियाँ सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों से 12 से 16 घंटे काम करवा रही हैं एवं ओवरटाइम का भुगतान भी नही कर रही हैं।औद्योगिक विवाद अधिनियम की “धारा 2(एस)”में संशोधन कर सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज को कामगार का दर्जा देने जैसी नीतिगत मांगें जो कई राज्यो ने मन ली हैं,पर भी प्रदेश सरकार उदासीन है।

मेडिकल एवं सेल्श् रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए बने कानून “s p e Act”का पालन करवाने में तो प्रदेश का श्रम विभाग पूर्णतः अछम है।परंतु उसकी परेशानियों को बढ़ाने के लिए सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दवा प्रतिनिधियों का सरकारी अस्पतालों में काम करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है जो पूर्णतः असंवेधानिक एवं गैरकानूनी है।प्रदेश की सरकार का स्वस्थ्य विभाग मुफ्त दवा उपलब्ध कराने के नाम पर दवा किबखरीद में हुए भ्रस्टाचार तथा अमानक दवाओं की खरीद व उपयोग के फलस्वरूप हुई मौतों एवं अपंगता के आरोप में घिरी हैं।आशा है कि केंद्र एवं राज्य सरकार इन मांगों पर अविलंब कार्यवाही करेंगी।

रीवा इकाई के सचिव कॉमरेड सौरभ मिश्रा ने बताया कि आगामी 3 फरवरी 17 की राष्ट्रव्यापी हडताल मे रीवा इकाई के समस्त दवा प्रतिनिधि अपना काम बंदकर स्थानीय वेंकट भवन के सामने कमिश्नर कार्यालय के समच्छ एकत्र होगें और जिले के समस्त ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल होकर दवा प्रतिनिधियों की हडताल को सफल बनायेगे।


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By nit

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