सरवर खान जरीवाला, भोपाल, NIT; प्रदेश के दीनदुखियों की जिंदगी में खुशियां लाने की मंशा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में स्थापित किए गए आनंद मंत्रालय का संचालन एक कमरे से संचालित हो रहा है। विभाग बनने के बाद सरकार ने आनन-फानन में मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े अफसरों को अतिरिक्त प्रभार तो दे दिया, लेकिन निचले अमले के नाम पर चपरासी तक नहीं मिला है। विभाग के अफसर आनंद मंत्रालय चलाने के लिए राजधानी भोपाल में कार्यालय की भी खोज कर रहे हैं। राज्य सरकार का लोकप्रिय आनंद मंत्रालय इन दिनों पर्यावास भवन स्थित राज्य खनिज विकास निगम के कार्यालय से संचालित हो रहा है। जहां खनिज निगम के प्रबंध संचालक मनोहर दुबे के कक्ष में अतिरिक्त कुर्सियां रखवाई गईं हैं। जिन पर बैठकर सभी प्रभारी अधिकारी रोजाना कुछ घंटे तक आनंद विभाग का कामकाज निपटाते हैं। यहां बता दें कि मनोहर दुबे आनंद मंत्रालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार भी है। साथ ही भोपाल विकास प्राधिकरण के सीईओ नीरज वशिष्ठ को आनंद मंत्रालय के संचालक का प्रभार है। आनंद विभाग के लिए अन्य अधिकारियों को भी प्रभार ही सौंपा गया है। राज्य मंत्रालय में उर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह वैस के पास आनंद विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। साथ ही ऊर्जा विभाग की अवर सचिव सीमा डेहरिया को भी आनंद मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है।
खास बात यह है कि अभी इस विभाग के लिए स्टाफ के नाम पर एक चपरासी तक की पदस्थापना नहीं हुई है। आनंद मंत्रालय चला रहे सभी प्रभारी अधिकारियों की खास बात यह है कि वे मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ रह चुके हैं।
आनंद मंत्रालय के लिए अलग भवन की तलाश जारी है, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई भवन नहीं मिला है।
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