मोहम्मद तारिक, भोपाल, NIT; दिनांक 03 जनवरी 2017 को पीस इंडिया मध्यप्रदेश ने कहा था मध्य प्रदेश में प्रत्येक मंगलवार को शासकीय, अर्धशासकीय, निगम-मंडलों में जन-सुनवाई होती है और मा. मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन की जन-कल्याणकारी हेल्पलाइन 181 पर होती है शिकायत दर्ज। नागरिकों को हो रहा है कितना लाभ? अब मानवधिकार मामलों में पीस इंडिया अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अन्य राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं से संबंधता प्राप्त सामाजिक संस्था होगा अब आपके न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के साथ। जिसके लिए पीस इंडिया करेगा संभागीय जिला एवं ब्लॉक स्तरीय टीमों का गठन।
न्यायिक कार्यवाहियों में विलंब क्यों हो रहा है जबकि समय समय पर सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय द्वारा दिशा निर्देश भी दिया जाता है। हो रहे विलंब से निपटने और समयावधि में प्रकरणों के निराकरण के लिए पीस इंडिया मध्यप्रदेश जल्द करेगा खुलासा करेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ सहित किसी भी देश का संविधान मानव अधिकारों के हितों पर आधारित है व उनके अधिकारों को संरक्षित रखने के लिए देश के नागरिकों को एक-वचन अथवा ग्यारंटी प्रदान करता है।
जहां तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन कल्याणकारी योजना हेल्प लाइन 181, लोकायुक्त, जिला कलेक्टर, जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम या अन्य विभाग में दर्ज लिखित प्रमाणित शिकायत व जनसुनवाई का मामला है तो शिकायत दर्ज करवाने पर भी कार्यवाही नहीं होती है। वहीं मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम में व्यथित होकर, हताश और निराश होकर कहा क्या राजस्व मंडल को समाप्त कर दें ???
यही नहीं जनसुनवाई में शिकायत/आवेदक के द्वारा आवेदन दिए जाने पर क्या कार्यवाही हुई, सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन, प्रथम अपील में भी नहीं दी जाती जानकारी ! यही कारण है मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त के पास बढ़ रहे है द्वितीय अपील के आवेदन, राज्य सूचना आयुक्त के पास अब आप की सुनवाई 08-10 महीना या साल भर के बाद ! समाचार पत्र छाप-छाप कर न्यूज़ चैनल चिल्ला-चिल्ला कर थक कर खामोश होकर बैठ गए !
“उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये” : स्वामी विवेकानंद
“अब तो वैचारिक द्वंद हैं ”
@मो. तारिक (स्वतंत्र लेखक)
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