अबरार अहमद खान /पियूष मिश्रा, भोपाल, NIT;
फार्मासिस्ट एसोसिएशन की ओर से होटल राजभोज में दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन की शुरुआत हुई। कार्यशाला “फार्मेसी प्रैक्टिस एवं फार्मा क्लिनिक वर्कशॉप एंड ट्रेनिंग” विषय पर आयोजित की गई है। कार्यक्रम की शुरुआत अथिति द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। इस अवसर पर पीसीआई के उपाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र सराफ, फार्मेसी काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ सदस्य श्री आई.एस. चौहान, दिल्ली फार्मेसी काउन्सिल के अध्यक्ष अजय शर्मा, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन फार्मासिस्ट आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर. एस. ठाकुर, प्रांतीय फार्मासिस्ट एसो. के अध्यक्ष एम्बर चौहान आदि उपस्थित थे।कार्यशाला को संबोधित करते हुए पीसीआई के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र सराफ ने कहा कि फार्मासिस्ट को प्रैक्टिस करने की जरुरत है ना की किसी को रिप्लेस करने की, सभी फार्मासिस्ट को अपने में गर्व होना चाहिए की वो फार्मासिस्ट हैं। हालांकि हमने पुरानी सरकार से भी समस्याओं को हल करने की बात की थी, लेकिन वे नहीं कर पाये। इन्ही समस्याओं को हमने वर्तमान केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया है, लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले के प्राचीर से घोषणा करने के बाद भी अभी तक समाधान नहीं हो पाया है।
डॉ सर्राफ ने कहा कि फार्मेसी का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा नहीं है कि हमारी संख्या कम है हम वर्तमान में भी दस लाख फार्मासिस्ट हैं, लेकिन एकता ना होने के कारण अब अस्त व्यस्त होने की स्थिति है। हम लोगों का विज़न एक दम क्लियर होना चाहिए की हमें हमारे करियर के लिए क्या बेहतर व्यवस्था करनी है।
कार्यशाला में इंद्रजीत कुमार चौहान ने कहा गवर्नमेंट सेक्टर में फार्मा इंडस्ट्री ऐसी इंडस्ट्री है जो आई.टी. के बाद दूसरे नंबर पर है जो सबसे ज्यादा रेवेन्यू देती है। आप लोगों को ही फार्मासिस्ट के लिए बेहतर प्रयास करने होंगे, आप लोगों के प्रदेश में अपनी पहचान काम से बनानी होगी। ताकि फार्मासिस्ट के हितों को लेकर सभी फार्मासिस्ट प्रांतीय फार्मासिस्ट एसो. के पास ही आये, फार्मासिस्ट की छोटी – बड़ी समस्याओं एसो. के साथ- साथ व्यक्तिगत रूप से भी सुलझाने की हर सम्भव कोशिश करनी होगी। उन्होंने आगे बताया कि पीसीआई ने मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा जिसमे की आकस्मिक चिकित्सा के दौरान कुछ चुनिंदा दवाइयों से फार्मासिस्ट भी इलाज कर सकते हैं।कार्यक्रम में दिल्ली फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि हर किसी की अपनी कौम होती है इसलिए हम लोगों की कौम फार्मासिस्ट ही है। हम भी इस डिजिटलाइजेशन के युग में कदम ताल करते हुए अपने काम को डिजिटल करने में लगे हुए हैं। आगामी 15 फरवरी से काउंसिल का सारा काम ऑनलाइन होने लगेगा। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट को चाहिए की वे अपने ज्ञान को समय – समय पर बढाते रहें। देश – विदेश में दवाइयों को लेकर कई रिसर्च होती रहती है। इसलिए अपने आप को अपडेट करने के लिए सारी जानकारियों से अपडेट होते रहना चाहिए। सिर्फ डिप्लोमा कर लेने के बाद सर्विस में आ जाने से काम नहीं चलेगा, स्वयं को समय – समय पर अपडेट करने से हम भविष्य के फार्मासिस्टों को हम बहुत कुछ दे सकते हैं। कार्यक्रम में प्रांतीय फार्मासिस्ट एसो. के अध्यक्ष चौहान ने कहा कि फार्मेसी एक्ट में कई प्रावधान फार्मासिस्ट के हित में उसे लागु कराने की आवश्यकता है सभी फार्मासिस्ट को चाहिए की फार्मेसी फील्ड में हम क्या अच्छा कर सकते हैं इसके लिए एक दूसरे के अनुभवों को साझा किया जाना चाहिए और हमारे मार्गदर्शकों से समय – समय सलाह मशवरा करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय फार्मासिस्ट एसो. के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक मौर्य ने किया और आभार जितेन्द्र भदोरिया ने माना।
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