जितेंद्र वर्मा, हरदा ( मध्यप्रदेश ), NIT;
हरदा जिला के कोर्ट परिसर में एक महिला मुवक्किल ने अधिवक्ता की पिटाई कर दी। शहर में अचानक हुई ऐसी हाथापाई को देख कर लोग दंग रह गए। गंभीर आरोप लगाते हुए महिला ने वकील और जज को भी खरी खोटी सुनाई और आत्महत्या करने के इरादे से रेलवे पटरी पर पहुंच गई जिसे मीडिया कर्मियों ने बचाया।
मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार शाम लगभग 5 बजे जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में परिवार वाद न्यायालय में चल रहे एक पारिवारिक मामले में अचानक वकील और मुअक्कील महिला में कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी। इस दौरान महिला ने वकील के कागजात फाड़ते हुए उसके साथ जमकर धक्का-मुक्की की। मामला बढ़ता देख वकील ने मुख्य न्यायाधीश के कक्ष में पनाह लेने की कोशिश की लेकिन महिला के गुस्से पर कोई काबू नहीं कर पाया। इस दौरान महिला ने कुटुंब न्यायालय की महिला जज को भी जमकर खरी-खोटी सुना दी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर कई वकील एकत्र होएगए। इस दौरान महिला मौके से फरार हो गई। जिसके बाद सभी अधिवक्ता एकत्र होकर सिटी कोतवाली पहुंचे और महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामले की जानकारी देते हुए अभद्रता का शिकार हुए अधिवक्ता श्रीराम कौशल ने बताया की उनके पक्षकार रामकृष्ण और उसकी पत्नी संगीताबाई के मध्य तलाक का मामला हरदा कुटुंब न्यायालय में चल रहा है। गुरूवार को एक अन्य धारा 125 के मामले में जेल में बंद रामकृष्ण को कोर्ट से जमानत मिली थी। इसी के बाद संगीताबाई ने कोर्ट परिसर में आकर उनके साथ अभद्रता करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। वकीलों को थाने में जाता देख महिला संगीताबाई ने थाने के बाहर जाकर अधिवक्ता कौशल समेत अपने सास-ससुर पर उसकी तथा उसके तीन बच्चों की जिंदगी बर्बाद करने तथा उसका चरित्र हनन करने का आरोप लगाते हुए, सुनवाई न होने तथा पति से हो रही परेशानी बताई। हरदा थाने पहुंची महिला संगीताबाई ने जब सभी अधिवक्ताओं और अधिवक्ता कौशल को साथ में उसके खिलाफ शिकायत करते देखा तो उसने उलटे पैर दौड़ लगा दी और रेलवे स्टेशन के पास स्थित माल गौदाम के पास पटरियों पर आत्महत्या करने के इरादे से पहुंच गई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों के समझाने के बाद उसने अपना इरादा बदलकर थाने में शिकायत करने वापस लौटी। इस पुरे घटनाक्रम के दौरान थाने में मौजूद कोई भी पुलिसकर्मी महिला को बचाने के लिए आगे नहीं आया और न ही उसे आत्महत्या करने से रोकने का प्रयास किया। जान देने के लिए रेल्वे स्टेशन पहुँची महिला तेज गुस्से में बच्चे को साथ लेकर रेल्वे स्टेशन तक अपनी जान देने पहुँचईगई थी, लेकिन महिला को समझाइश देने के लिए कोई आगे नहीं आया और न पुलिस आई। मीडिया कर्मियों के द्वारा समझाया गया तब जाकर महिला ने वापस आपने घर लौटने का मन बनाया ।
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