अविनाश द्विवेदी/शेरा मिश्रा, कटनी (मप्र), NIT;
शिक्षा सबसे महत्वूपर्ण विषय है। आप लोगों को यदि विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता के लिये तैनात किया है, तो आप लोग अपनी जिम्मेदारी समझें। शाला सिद्धि अभियान में आप लोगों की ड्यूटी महज फॉर्मेलिटी करने के लिये नहीं लगाई गई है। आप लोगों को आवंटित स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होना चाहिये। यह निर्देश कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने गुरुवार को आयोजित शाला सिद्धि अभियान की समीक्षा बैठक में जिला अधिकारियों को दिये।
डीपीसी ने जानकारी देते हुये बताया कि शाला सिद्धि अभियान के तहत 35 जिला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिनमें से महज 21 अधिकारियों ने ही अपना निरीक्षण प्रतिवेदन दिया है।14 अधिकारियों द्वारा प्रतिवेदन अब तक नहीं दिये गये हैं।
इसे गंभीरता से लेते हुये कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सभी 14 संबंधित अधिकारियों को एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के आशय का शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी संविदा में हैं, उन्हें अवैतनिक की कार्यवाही का नोटिस दें। यदि परीक्षाओं में इनके विद्यालयों का परिणाम खराब आया, तो ये भी उसके लिये दोषी होंगे। शोकाज नोटिस की प्रतिलिपि संबंधित अधिकारियों को प्रमुख सचिवों व विभाग प्रमुखों को भेजने के आदेश भी श्री गढ़पाले ने दिये।
21 अधिकारियों द्वारा दिये गये प्रतिवेदन पर कार्यवाही ना करने पर प्रभारी डीपीसी और संबंधित एपीसी पर भी कलेक्टर बिफरे। उन्होने कहा कि कार्य में इस तरह की उदासीनता बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। दोनों ही अधिकारियों को एससीएन भी कलेक्टर ने जारी किया। साथ ही अधिकारियों के प्रतिवेदन में सामने आई खामियों को दुरुस्त करने के स्पष्ट निर्देश भी दिये।
संबंधित जिला अधिकारियों से स्कूल विजिट का फीडबैक भी कलेक्टर ने लिया। उन्होने कहा कि हम अपने जिले में विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार किस तरह लायें, इसके सुझाव भी आप लोगों से आमंत्रित हैं। यह शैक्षणिक सत्र तो हमारा समाप्त होने जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र के लिये हमें अभी से तैयारियों में जुटना होगा। आप लोगों को जो विद्यालय आवंटित किये गये हैं, उनमें सुधार की दिशा में कार्य करें।
बैठक में विलंब से पहुंचने वाले अधिकारियों को भी अवैतनिक करने के आदेश श्री गढ़पाले ने दिये।
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