सद्दाम हुसैन, लखनऊ, NIT;
लखनऊ शहर के मुंशीपुलिया, इंदिरा नगर में अतिक्रमण की वजह से लगने वाले यातायात जाम का संज्ञान लेते हुए नगर निगम द्वारा आज अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया। लेकिन मुंशीपुलिया चौराहे से क़रीब 50 मीटर दूरी तक ही अतिक्रमण हटाने से नगर निगम की पोल खुल गई है ई क्योंकि यहाँ अतिक्रमण हटाने आयी नगर निगम की टीम ने यहां सजी स्थाई फल मंडी को छुआ तक नहीं, इससे साफ़ साफ़ पता चला कि यह कार्यवाही अतिक्रमण हटाने की नहीं, बल्कि मुंशीपुलिया चौराहे के पास सौंदर्यीकरण की थी।
हाल ही में अरविंदो पार्क के पास शाम के समय मात्र तीन-चार घंटे के लिए खोमचे वालों द्वारा ठेला लगाने पर अतिक्रमण का नाम देकर उनको वहां से हटा दिया गया था।
वर्तमान में सुख काम्प्लेक्स के सामने फल मंडी वाले सड़क पर लखनऊ मेट्रो रेल निर्माण कार्य प्रगति पर होने से एवं अवैध टेम्पो स्टैंड के चलते वहां की सड़क पहले ही सकरी हो चुकी है और व्यस्त यातायात होने के कारण यहां रोज जाम लगता है। यहाँ की बाय-पास सड़क भी मेट्रो कार्य के चलते बीच में बंद पड़ी है। वहीं दूसरी ओर अरविंदो पार्क के बगल में सड़क पर हाइट गेज लगा होने के कारण और खोमचे वालों द्वारा सिर्फ शाम में तीन-चार घंटे ही ठेला लगाने के कारण वहां यातायात जाम की समस्या फल मंडी वाली सड़क के मुकाबले ना के बराबर ही थी, तब भी उन्हें हटा दिया गया और यहाँ फल मंडी वाली सड़क पर जाम लगने के बावजूद फल मंडी ना हटाना पटरी व्यापारियों के साथ तो सौतेला व्यवहार साबित हो ही रहा है, साथ-साथ राहगीरों के लिए भी जाम की समस्या पैदा कर रहा है।
जब मुंशीपुलिया पटरी व्यापारी संगठन के अध्यक्ष श्री अनिल पाण्डेय से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि इन्वेस्टर्स समिट की वजह से आज यह अभियान चलाया गया है और स्थानीय पार्षदों ने पटरी व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि 22 फरवरी के बाद यह दुकानें वापस इसी प्रकार सज जाएंगी। अतिक्रमण हटाओ के नाम पर नगर निगम की आंशिक कार्यवाही क्या पटरी व्यापारियों के बीच सौतेला व्यवहार नहीं ? एक ओर तो हम एक देश एक कानून की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर हकीकत कुछ और ही है। कुल मिलाकर यह कार्यवाही यातायात जाम की समस्या से निजात ना दिलाकर सिर्फ इन्वेस्टर्स समिट के लिए सौंदर्यीकरण की कार्यवाही तक ही सीमित है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.