शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;
मध्य प्रदेश के विजयराघवढ़ के नजदीक निलकंठेशवर धाम पंखुरी सलैया में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व पर विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम स्थल पंखुरी सलैया निलकंठेशवर धाम में महाशिवरात्रि के मौके पर मेला लगाया जाता है। महाशिवरात्रि पर सभी शिव भक्तों को ग्रोवर परिवार द्वारा आमंत्रित कर विशेष भोग भंडारा आयोजित होता है। निलकंठेशवर धाम में 28 वर्षो से यह प्रथा श्री नंदलाल मदनलाल ग्रोवर बाबू ग्रोवर द्वारा चलाई जा रही है। महाशिवरात्रि की तैयारियां 6 महीने पूर्व से कि जाती हैं, जिसमें रोजाना शिवलिंग निर्माण पूजा अर्चना दर्जनों पंडितों के आथीत्म में किया जाता है तथा लगातार श्रीराम चरित्र मानस अखण्ड कीर्तन एंव पार्थिव पूजन भी किया जाता है। इस वर्ष भी महाशिवरात्रि की पूजन शिवलिंग निर्माण प्रति दिन किया जाता है, इसी कडी में महाशिवरात्रि 28वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 181 दिवसीय चल रहे कार्यक्रम की अगली कड़ी में महाशिवरात्रि पर्व 13 फरवरी को विशेष महारुद्राभिषेक पूजा अर्चना के साथ 14 फरवरी बुधवार को पूर्णाहुति के साथ विश्वास भंडारा आयोजित किया जाना है।
भक्तों की टोलियों का होगा भव्य स्वागत
कार्यक्रम के आयोजक नंदलाल मदनलाल ग्रोवर रवि ग्रोवर रिषी ग्रोवर रंजन (ग्रोवर बाबू) एंव समस्त निलकंठेशवर धाम के भक्तों की अगुवाई की तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। भक्तों की टोलियों का स्वागत निलकंठेशवर ट्रस्ट परिवार करेगा तथा सा सम्मान प्रसाद वितरण भी कराएगा।
सूचना के साथ आमंत्रण
महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों में जुटा निलकंठेशवर परिवार ने भक्तों को सूचना देने के लिए तरह तरह के उपाय किए हैं, जिसमें जगह जगह पेंटिंग कर तथा वाहनों द्वारा प्रचार प्रसार कर सूचना व आमंत्रित किया जा रहा है।
निलकंठेशवर धाम की प्रमुखता
सलैया पंखुरी निलकंठेशवर धाम अपने आप में एक विशाल तीर्थ स्थल माना जा रहा है। विजयराघवढ़ के तीर्थ स्थलों में गिना जाने वाले इस तीर्थ स्थल की प्रमुख बात यह है कि निलकंठेशवर धाम में शिव परिवार के साथ साथ हनुमान जी, माँ दुर्गा, गजानन महाराज आदि अलग अलग आकर्षित मंदिरों में विराजमान हैं, वही भक्तों का मानना यह भी है कि निलकंठेशवर धाम में लगाई जाने वाली फरियाद जरुर पुरी होती है। इसी आशा और विश्वास को लेकर भारी भीड़ निलकंठेशवर धाम में देखी जाती है। भक्तों की टोली जय भोले जय महाकाल के घोस के साथ अपनी हाजरी महाकाल के दरबार में लगाते हैं।
भोले की प्रेरणा से ग्रोवर परिवार ने निलकंठेशवर धाम का किया निर्माण
नंदलाल मदनलाल ग्रोवर जी ने बडे संघर्ष मय जिवन के साथ अपने सफल जीवन का प्रारंभ किया। छोटे से व्यापार के साथ सिर्फ भोले के आशिर्वाद के सहारे उन्होंने ने बडे व्यापार की नीव रखी और कामयाब हुए जिससे भोले पर उनका अटूट विश्वास कायम होता गया और भोलेनाथ ने धर्म कर्म करने की प्रेरणा दी जिसे नंदलाल मदनलाल ग्रोवर ने प्रसाद के रुप मे ग्रहण कर अपनी जीवीका बना ली और उस समय से पूजा पाठ धर्म कर्म करते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे। पिता के नक्शेकदम पर चल रहे रंजन ग्रोवर( बाबू भाई) भी भोले को अपना ईस्ट मानते हुए भोले की सेवा भाव में लीन रहते हैं। माता पिता के संस्कारों को लेकर चलने वाले बाबू ग्रोवर समाज हित में गरीब मजबूरों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोडते। अब इस प्रथा को जहां पुत्र निभा रहे हैं तो पुत्र के पुत्र कहां पिछे रहते। जी हां बाबू ग्रोवर के पुत्र रुदाक्ष ग्रोवर ने भी अपने परिवार के संस्कारों को आगे बढाने की ठान ली और छोटी सी उम्र में ही वह भी भोले की सेवा में तत्पर रहते हुए भोले की पूजा अर्चना कर भोले के भक्तों की मदद करने मे आगे देखे जा रहे हैं।
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