पीयूष मिश्रा /अश्वनी मिश्रा की विशेष रिपोर्ट
सिवनी/ छपारा (मप्र), NIT;
सिवनी जिला के बहुचर्चित छपारा जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी छात्रावास गोरखपुर के 34 छात्राओं के 1 फरवरी को अपहरण मामले में छपारा पुलिस के साथ-साथ शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की जांच पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इस कथित अपहरण के मामले में छपारा पुलिस ने एक बच्ची के अभिभावक को ही अपहरण का आरोपी बना दिया है।
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची छात्राएं
छपारा के गोरखपुर के 34 छात्राओं के कथित अपहरण के मामले में अब छात्रावास अधीक्षिका के साथ साथ शिक्षा विभाग के प्रतिवेदन के बाद पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। पुलिस ने एक अभिभावक को ही इस मामले में आरोपी बना दिया है।
मेहरा महासंघ के बैनर तले बुधवार की दोपहर को दर्जनों ग्रामीणों ने आवेदन देकर इस मामले में शिक्षा विभाग के प्रतिवेदन के बाद पुलिस द्वारा बनाए गए मामले पर सवाल खड़े किए हैं और साथ ही छात्रावास के वर्तमान प्रबंधन को जांच होने तक हटाने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि छात्रावास प्रबंधन छात्राओं के साथ अकारण मारपीट करते हैं। जिससे व्यथित होकर छात्राएं स्वविवेक से ज्ञापन देने के लए निकली थीं लेकिन पुलिस ने छात्रावास अधीक्षिका की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया है। अभिभावकों और ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक महोदय को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब प्रशासन छात्रावास प्रबंधन को अलग करे। इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि दलितों और आदिवासियों के साथ इस तरह के मामले थोप कर अत्याचार किया जा रहा है जिससे उन्हें निजात दिलाई जाए।
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