अविनाश द्विवेदी/शेरा मिश्रा, कटनी (मप्र), NIT;
कैमोर उद्योगीक नगरी जहाँ के मध्यप्रदेश शासन के चार चार मंत्री हैं वही की तस्वीर कुछ इस कदर खराब है क्षेत्र वासीयो का रहना दुश्वार हो गगया गया है। कटनी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कैमोर नगर मध्यप्रदेश का सबसे प्रदूषित नगर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां आला अधिकारियों की वजह से सारे मामले दबे के दबे रह जाते हैं, न कोई कार्रवाई होती है और न ही जांच। कैमोर एसीसी सीमेंट प्लांट के प्रदूषण की जब नगर के लोगों ने शिकायत सीएम हैल्प लाईन पर की तब जांच करने आये अधिकारियों ने अपना दर्द बताया और कहा कि यह कैसी विडंबना है कि जहां चार चार जनप्रतिनिधी मंत्री पद पर हैं वहां की हालत इतनी गंभीर है। कैमोर की हालत को देखकर मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को स्थिफा दे देना चाहिए। अधिकारीयों ने यह भी कहा की प्रदूषण होते हुए भी प्रदूषण मुक्त नगर की रिपोर्ट देने का आदेश आला अधिकारियों ने हमें दे रखा है, वजह की जानकारी हमें नहीं है, यह तो आला अधिकारी ही जानें। कैमोर की हालत देखने के बाद अगर प्रशासनिक अधिकारियों के दिल पसीज सकते हैं तो क्षेत्र से जुड़े जन प्रतिनिधियों के दिल क्यों नही पसीज रहे हैं? कब तक झूठी रिपोर्ट दिखाकर अधिकारी एसीसी को बचाते रहेंगे? एसीसी के नजदीक रहने वाले रहवासियों का दर्द क्या होगा जहां आए दिन बीमारी परिवार का एक न एक सदस्य निगल रही है। एसीसी में न कोई सुविधा न कोई उपचार सिर्फ मौत का तांडव। कटनी जिले की कानून व्यवस्था सिर्फ रईसों की सुरक्षा में लगी है, गरीब बे मौत मर रहा है। जनप्रतिनिधी आज कैमोर के लिए सिर्फ एक कहानी बन कर रह गये हैं। मंचों पर बडी बडी बातें और झुठे वादे कर देते हैं बाद में मुड़कर भी नही देखते।आखिर क्या वजह है कि भाजपा के राज में प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और जांच के नाम पर झुठी रिपोर्ट देकर शासन को भ्रमित कर रहे हैं? वह दिन दूर नहीं जब कैमोर के लोग पलायन करने को मजबूर होंगे। एसीसी सीमेंट प्लांट तो होगा किन्तु आसपास निवास करने वाला कोई नहीं होगा, उस वक्त जनप्रतिनिधियों का क्या होगा यह समय ही तैय करेगा।
कैमोर से लगा हुआ बडारी गांव है जहां एसीसी का अवैध कन्वेयर बेल्ट गांव से गुजरा है जिसकी वजह से प्रदूषण इतनी अधिक तादाद मे पसरा रहता है कि गांव के रहवासियों के 20 से 25 वर्ष आयु के बच्चों को टीबी की बीमारी हो चुकी है। गांव के लगभग 15 युवाओं को टीबी की बीमारी ने ग्रसित कर रखा है, तो वहीं शासकीय डाक्टरों की मानें तो दो वर्ष के अंतराल में लगभग 50 लोगों की मौत टीबी की वजह से हो चुकी है। आज भी अगर ग्रामीणों का स्वास्थ परिक्षण कराया जाए तो लगभग 80% लोगों को टीबी की बीमारी से ग्रसित पाया जाएगा किन्तु इस गांव में इसी वजह से स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया जा रहा है, कारण यह की सभी की पोल खुल जाएगी और जन आक्रोश व्याप्त हो सकता है। ग्रामीणों ने एसीसी के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के पश्चात बडारी में आज तक कोई नेता नहीं आया है और न ही कोई शासकीय शिविर आयोजित हुआ है। गांव के लोग इस बात से आक्रोशित हैं कि जहां टीवी चैनलों में शासन को जागरूक दिखाया जाता है लेकिन कटनी का कानून व्यवस्था जागरूक नहीं है, अगर होती तो इतने लोगों की मौत के बाद एसीसी सीमेंट प्लांट कतई बिना सुविधा मुहैया के कार्य नहीं कर सकती थी। ग्रामीण की महिलाओं का कहना है कि गांव मे अधिकारी जनप्रतिनिधी दो घंटे रुक कर देखें, जहा हमें अपना जीवन बसर करना पड रहा है जहां दो घंटे नहीं रुक सकते, वहां हम अपने परिवार के साथ कैसे जीवन बिता रहे हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.