राष्ट्रीय महिला दिवस सीकर के मुस्लिम समुदाय में जोश व खरोश के साथ मनाया गया | New India Times

अशफाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT; ​राष्ट्रीय महिला दिवस सीकर के मुस्लिम समुदाय में जोश व खरोश के साथ मनाया गया | New India Timesसालों पहले जदीद शिक्षा से कोसों दूर रहने वाली मुस्लिम बेटियां पिछले कुछ सालों पहले से तालीम की रस्सी को मजबूती से पकड़ कर अब जाकर तरक्की की राह पर दौड़ लगाते हुये उनके कामयाबी की मंजिले पाने का अहसास कल सीकर में वाहिद चोहान द्वारा संचालित ऐक्सीलेंस गलर्स स्कूल परिसर मे जिला कलेक्टर नरेश ठकराल सहित अनेक सम्मानित अफसरान व सामाजीक खिदमतगारों की मौजूदगी में हुये शानदार जलसे मे साफ देखने को मिला। दूसरी तरफ शिक्षाविद खादिम हुसैन खत्री द्वारा संचालीत अमन स्कूल व उदय सेवा संस्थान के सामूहिक आयोजन मे शहर में गलर्स जागरुकता रैली निकालने में शहर की सड़कों पर शानदार नजारा देखने को मीला।​

राष्ट्रीय महिला दिवस सीकर के मुस्लिम समुदाय में जोश व खरोश के साथ मनाया गया | New India Timesएक समय था जब शहर के मुस्लिम समुदाय की बेटियां अव्वल तो स्कूल की दहलीज तक पहुंच ही नहीं पाती थीं और मुश्किल से दो-चार लड़की मदरसों तक जाती भी थीं तो दो-चार कक्षा तक जाकर वापस लौट आती थीं। जब से वाहिद चौहान ने सीकर में गलर्स ऐजुकेशन में खिदमात देना शुरु किया है, उसके बाद से खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलने वाली कहावत की तरह हर घर से आला तालीम याफ्ता बेटियों की तादात दिन दोगुना- रात चौगुनी की तरह बढने लगी है।​राष्ट्रीय महिला दिवस सीकर के मुस्लिम समुदाय में जोश व खरोश के साथ मनाया गया | New India Times किसी समय तालीम के लिये स्कूल की दहलीज देखना बेटियों के लिये मुश्किल था। वो हालात अब जाकर इतना बदल चुका है कि अब हर बेटी का स्कूल की दहलीज देखे बिना किसी भी सूरत मे रहना नामुमकिन हो चला है। हां वाहिद चौहान ने सभी समुदाय व तबके की बेटियों के लिये तालीम पाने के लिये ऐक्सीलेंस नामक इदारा कायम कर रखा है। लेकिन यह साफ है कि उसमें 60 से 70 प्रतिशत बेटियां मुस्लिम समुदाय की ही शिक्षा पा कर बूलंदी छूने लगी हैं।​राष्ट्रीय महिला दिवस सीकर के मुस्लिम समुदाय में जोश व खरोश के साथ मनाया गया | New India Timesकुल मिलाकर यह है कि सीकर की ऐक्सीलेंस गलर्स स्कूल में जिला कलेक्टर नरेश ठकराल, ऐक्सीलेंस नाॅलेजसिटी की बानी रुकसाना वाहिद सहित अनेक लोगों की मौजूदगी मे आयोजीत राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह को देखकर हर किसी का दिल खूशी के मारे फुदकने लगता है। यानि मुस्लिम बेटियां भी अब जाकर महिला दिवस व महिला अधिकारों के महत्व को सही तरिके से समझने लगी हैं।


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