घोटाले की भेंट चढा महिला राजकीय पॉलिटेक्निक व छात्रावास,1230 लाख की लागत से बन रहा मानक विहीन राजकीय पॉलिटेक्निक | New India Times

फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT; ​घोटाले की भेंट चढा महिला राजकीय पॉलिटेक्निक व छात्रावास,1230 लाख की लागत से बन रहा मानक विहीन राजकीय पॉलिटेक्निक | New India Timesदेश भर में पुरुषों की तरह महिलाओं को भी बेहतर से बेहतर शिक्षा के लिये न सिर्फ प्रोत्साहित किया जा रहा है बल्कि “पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां” जैसी योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है जिससे बेटियों को भी उच्चय शिक्षा प्राप्त हो सके, ताकि पुरुषों की तरह ही बेटियां भी देश की तरक्की में कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे सकें। 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बनने के बाद से आम जनता को लगा था योगी सरकार में भ्रष्टाचार करने वालों की जगह लोहे की सलाखें होंगी और हर काम नियमों और मानकों के अनुरूप ही होगा, लेकिन योगी सरकार बने अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है और 1230 लाख रुपयों की लागत से बनने वाले छात्रावास जिसका 24 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोकार्पण किया जाना है में एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। अब आप ही सोंचिये कि जिस छात्रावास का लोकार्पण स्वयं मुख्यमंत्री करने वाले हैं जब उसी के निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी करते हुए सरकारी धन की बड़े पैमाने पर बन्दरबांट की गई है तो आम योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या होगी।​घोटाले की भेंट चढा महिला राजकीय पॉलिटेक्निक व छात्रावास,1230 लाख की लागत से बन रहा मानक विहीन राजकीय पॉलिटेक्निक | New India Timesज्ञात हो कि यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन द्वारा मल्टी सेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट प्लान अंतर्गत जनपद के रिसिया मोड़ पर राजकीय पॉलिटेक्निक व छात्रावास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसका आगामी 24 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राजधानी से ही लोकार्पण किया जाना है। लोकार्पण से पहले अथार्टी को बिल्डिंग सौंप सकें इसिलए निर्मण कार्य अब युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। जब हमने बिल्डिंग की रियल्टी टेस्ट की तो हमारे होश उड़ गए, क्योंकि करोडों के इस निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर सरकारी धन पर डाका डाला गया है। ​घोटाले की भेंट चढा महिला राजकीय पॉलिटेक्निक व छात्रावास,1230 लाख की लागत से बन रहा मानक विहीन राजकीय पॉलिटेक्निक | New India Timesआइये अब आपको इस बिल्डिंग की परत-दर-परत वास्तविक स्थिति से भी रूबरूं कराते हैं। सबसे पहले आपको छात्रावास में छात्राओं के प्रयोग के लिए बनाई गई अलमारियों की जमीनी हकीकत बताते हैं। जिस अलमारी को छात्राओं के लिए बनाया गया है उसमें कॉन्क्रीड की जगह प्लाई बोर्ड का प्रयोग किया गया है। वहीं दूसरी ओर बिल्डिंग में इस्तेमाल की जाने वाली स्विच, तार इत्यादि थर्ड क्वालटी का है जो शायद ही एक साल का समय भी पूरा कर सके। कुल मिलाकर इस 1230 लाख के निर्माण कार्य में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गयी हैं।


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By nit

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