विदर्भ और मराठवाडा मेंबोंड इल्ली के प्रकोप से कपास का भारी नुकसान हुआ है, इससे उभरने के लिए सरकार ने नुकसान भरपाई की घोषणा की थी। किसानो को अबतक सहायता न मिलने से शुक्रवार से स्थानिय तिरंगा चौक में किसानों ने आंदोलन शुरू किया है। कई आंदोलनकारियों ने इस समय बोरियां पहनी थी और गले में बोंड इल्लीग्रस्त कपास के फलों की माला पहनी थी और साथ ही बेशरम का झाड उंचाकर लक्षवेधी पद्धती से सरकार का निषेध किया। यह 25 जनवरी तक आंदोलन चलेगा। रोज एक मतदारसंघ के किसान इस आंदोलन मे शरीक होंगे। सरकार घोषित की गई सहायता तुरंत अदा करे ऐसी मांग का एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। इस मौके पर अशोक बोबडे, प्रवीण देशमुख, अनिल हमदापुरे, अरुण राऊत, अरविंद वाढोनकर, सुधीर जवादे, माधुरी अराठे, राजू तेलंगे, दिनेश गोगरकर, गाडे पाटील, युसुफ अली सैय्यद, बबन गोखरे, बाळू पाटील दराने, घनश्याम दरने, अशोकराव केवटे, बंडू कापसे, बल्लू जगताप, अशोक घरफळकर, प्रवीण कोकाटे, विलास भोइर, जयंत काळे, मिलिंद इंगोले, बाबाराव निमरड, बापूपाटील वानखडे, सिकंदर शहा, आनंद जगताप, पंजाबराव भिसे, शशिकांत देशमुख, कृष्णाभाऊ भोईर, सौ.सुवर्णा ठाकरे, स्वातीताई धरणे, तिलोत्तम मडावी, चंदू चांदोरे, अरुण लांडगे, नरेंद्र कोंब, नितीन पराते, विवेक ठाकरे, अतुल राऊत, मुकेश देशमुख, जयंत घोंगे, प्रकाशजी छाजेड, गजानन नाईकवाड, जानराव गिरी, प्रदीप ठुनेकांग्रेस, मनसे, शेतकरी संघटना, विकास आघाडी, बेंबला कालवे संघर्ष समिती, शेतकरी वारकरी संघटना, यवतमाळ जिल्हा शेतकरी संघर्ष समिती और सभी विरोधी पक्ष मौजूद थे।