अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT;
मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा शिक्षण क्षेत्र में कर्मी कल्चर को समाप्त कर अध्यापक संवर्ग का गठन कर शिक्षाकर्मियों और संविदा शाला शिक्षकों को सम्मानजनक पदनाम एवं वेतनमान दिया गया है। प्रदेश में वर्ष 1994 से 1997 तक पंचायत एवं नगरीय निकायों में शिक्षकों के नियमित रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षा-कर्मी वर्ग-1, वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर एक हजार, आठ सौ एव पाँच सौ रूपये के मासिक मानदेय पर नियुक्ति की जाती थी। इसके बाद से वर्ष 1998 में विधिवत नियम बनाते हुए स्थानीय निकायों (ग्रामीण एवं नगरीय निकायों) में वर्ष 2003 तक शिक्षाकर्मी वर्ग-1 को 3600, वर्ग-2 को 2990 और वर्ग-3 को 2350 मासिक वेतन दिया जाता था।
वर्तमान सरकार ने 1 अप्रैल 2007 से अध्यापक संवर्ग का गठन किया। सहायक अध्यापक को 9100, अध्यापक को 12000 और वरिष्ठ अध्यापक का मासिक वेतन बढ़ाकर 14 हजार 700 रुपये किया गया। इसके बाद 1 अप्रैल 2013 से अध्यापक संवर्ग को दिये जा रहे वेतनमान में पुन: वृद्धि करते हुए रूपये 4500-25000 का वेतन बैण्ड स्वीकृत किया गया। सहायक अध्यापक, अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक को वेतन बैण्ड पद क्रमश: 1250, 1650 और 1900 संवर्ग वेतन तथा शासकीय कर्मचारियों के बराबर महँगाई भत्ता दिया गया, जिससे अध्यापक संवर्ग के वेतन में 1000 से लेकर 2500 रुपये तक की वृद्धि हुई।
यही नहीं अध्यापक संवर्ग को शासकीय कर्मचारियों को देय छठवां वेतनमान, जो 1 सितम्बर 2017 से दिया जाना था, एक वर्ष पूर्व एक जनवरी 2016 से स्वीकृत किया गया।
छठवां वेतन मान दिये जाने से नवनियुक्त सहायक अध्यापक, अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक को क्रमश: 23 हजार 500, 29 हजार 500 और 33 हजार रुपये मासिक वेतन प्राप्त हो रहा है। पूर्व से कार्यरत सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक को क्रमश: 33 हजार 500, 37 हजार और 43 हजार 500 रुपये मासिक वेतन प्राप्त हो रहा है।
अध्यापक संवर्ग को 12 और 24 वर्ष की सेवा के बाद क्रमोन्नति का लाभ भी दिया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने छठवें वेतनमान के अनुरूप क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने के आदेश भी जारी कर दिये हैं।
संविदा शाला शिक्षक को दो गुना मासिक पारिश्रामिक
संविदा शाला शिक्षकों को 1 नवंबर 2011 से संविदा मासिक पारिश्रमिक में 100 प्रतिशत वृद्धि करते हुए दो गुना संविदा मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा है। वर्तमान में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 को 5000 रुपये, श्रेणी-2 को 7000 और श्रेणी-1 को 9000 रुपये मासिक संविदा वेतन दिया जा रहा है। साथ ही तीन वर्ष की सेवा अवधि के बाद संविदा शाला शिक्षक को अध्यापक के पद पर नियुक्त किया जाता है और शासकीय कर्मचारियों के समान उन्हें छठवाँ वेतनमान दिया जाता है।
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