शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT; कटनी जिले के विजयराघवगढ़ में चल रहे रेत कारोबार का विरोध वही लोग करने जा रहे हैं जो अब तक खुद इस व्यापार में करोड़ों कमा रहे थे। बताया जाता है कि कटनी जिले का सबसे बडा अवैध रेत का कारोबार भाजपा नेताओं के संरक्षण में चलाया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां रेत कारोबार पूणतः नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है। आरोप है कि इस कारोबार को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है जिसमें जनप्रतिनिधियों की भी अच्छी खासी पार्टनरशिप (भागीदारी) देखी जा रही है। कटनी भाजपा के प्रमुख नेता पायल की गाडियों के द्वारा आम जनता को कुचलने तथा अवैध कारोबार करने की खुली छूट दी गई है। यहां तक कि पायल जी के सभी वाहनों के पिछे से नम्बर प्लेट भी निकाल दिए गए हैं जिससे घटना करने के बाद कानून को जनप्रतिनिधी की सुरक्षा करने मे कोई परेशानी न हो। अब राजनीति का नया तांडव प्रारम्भ होने जा रहा है।जानकारी के अनुसार महानदी में अब पर्याप्त रेत नही बची है तथा चुनाव भी नजदीक है इस लिए भाजपा नेता नया खेल खेलने की फिराक में हैं। अब यहां रेत कारोबार को बंद कराने की भूमिका भी भाजपा के नेता ही निभाएंगे ताकि क्षेत्र में यह संदेश जाए की भाजपा रेत कारोबार में लिप्त नहीं थी बल्कि वह खुद इस व्यापार के विरोध में है। राजनीति का खेल खेल कर आम जनता को भ्रमित किया जाना है। महानदी में अब पर्याप्त रेत नहीं बची है। बताया जा रहा है कि तीन से चार महिने के अंदर रेत कारोबारी महानदी से सारी रेत निकाल चुके होंगे जिससे व्यापार योग्य रेत समाप्त हो जाएगी। उस समय भाजपा को मौका मिलेगा और वह अपना व्यापार समेट कर खुद विरोध प्रदर्शन करने मैदान में होगी। भाजपा की इस निति से अशिक्षित अनपढ आम जनता गुमराह हो सकती है, किन्तु शिक्षित वर्ग नहीं।लोगों का कहना है कि भाजपा सत्ता मे आने के बाद से लगातार क्षेत्र का शोषण महानदी चीरकर कर रही है और अब दिखावे के लिए खुद को हरिश्चंद्र भी साबित करने की फिराक में है जिसका आरोप विपक्ष पर डाला जा सकता है। हालांकि जहां हजारों भाजपा के जनप्रतिनिधियों के सह से संचालित रेत कारोबार पर कटनी जिला प्रशासन मूक है वही अगर कोई काग्रेस का नेता इस कारोबार में मुनाफा उठाना चाहता है तो जिला प्रशासन से लेकर आम जनता तक उसका भरपूर विरोध करने मे कोई कसर नहीं छोडते हैं। एक व्यक्ति के लिए पूरे कांग्रेस को कोसा जाता है जबकि हकीकत यह है कि इस रेत कारोबार में भाजपा के छोटे से लेकर बडे जनप्रतिनिधी लिप्त हैं और इन जनप्रतिनिधियों की वजह से कटनी जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ है। यहां रेत कारोबार के विरोध मे न कोई बोलना चाहता न कोई सुनना चाहता है, कारण है सत्ता पक्ष। कोई सत्ता पक्ष का विरोध नही करना चाहता। आज भी रेत कारोबार की वही खबरे उजागर होती हैं जो भाजपा के संरक्षण से दूर हैं। छोटे वाहनों को पकड़ा जाना उन पर अपना कानून दिखाना यह जिला कटनी की कानून व्यवस्था बन चुकी है।
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