मकसूद अली, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT; दुनिया 21वीं शताब्दी का दूसरा दशक समाप्त करने वाली है। इस शताब्दी को अदभूत क्रांति की सदी के लिए याद किया जाएगा। दुनिया सिमट कर एक गांव के जैसी हो गई है। हमारे देश ने भी आजादी के बाद बहुत प्रगति की है लेकिन यह विकास उतना अधिक नहीं है जिसका सपना देश को स्वतंत्र कराने वाले क्रांतिकारियों ने देखा था। ‘विकास’ हमारे देश में बोला जाने वाला आज का सबसे प्रसिध्द शब्द है। हर तरफ हर पार्टी इसी एक शब्द के संयोजन में व्यस्त है। पिछले साढे तीन साल से जब से वर्तमान सरकार आई है, जिसकी विचारधारा और नीति से हम सभी परिचित हैं, विकास तरक्की का शब्द तो बार बार हर महफिल में दोहराया जाता है लेकिन स्थित यह है की वर्तमान सरकार में देश में अफरा तफरी, अराजकता के साथ ही भुखमरी और किसानों की आत्महत्याओं में अपार वृध्दी हुई है। विकास के वादों पर आने वाली वर्तमान सरकार अपने घोषीत एजेडे से हट कर गोपनीय एजेडे पर काम कर रही है, यही कारण है कि विकास के बजाये प्रत्येक क्षेत्र में अवनिती दर्ज की जा रही है।जमाअत ए इस्लामी हिंद महाराष्ट्र ने अपनी मानवीय, शहरी और नैतिक उत्तरदायीत्व को एहसास करते हुए यह प्रतिज्ञा की है कि वह राज्य की जनता को शांति, विकास और ध्दार का मार्ग दिखाने, देश वासीयों को परस्पर जोडकर उन्हे एक मानवीय इकाइ बनाने तथा आज के भय, उत्पीडन, निराशा और अराजकता के वातावरण से लोगों को बाहर निकालने का प्रयास करेगी। इस संबध में हम ने 12 से 21 जनवरी तक राज्यव्यापी अभियान “इस्लाम, शांती, विकास व मुक्ती” चलाने की योजना बनाइ है इस अभियान के तहत हम महाराष्ट्र के लोगों में इस्लाम और मुसलमानों के प्रती फैलाइ गई गलत धारणाओं को दूर करेंगे और नफरत के वातावरण को मुहब्बत में बदलने की कोशीश करेंगे।अतीत में भी हमने इस प्रकार की कोशिशे की थी, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। राज्य के सभी निष्पक्ष और सहिष्णूतावादी संगठन और देश की वर्तमान स्थिती के बारे में चिंतीत होने वाले विशेषज्ञ इस अभियान में हमारे साथ हैं।
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