फराज अंसारी, बहराइच (यूपी), NIT; इसे शौक कहें, जुनून कहें या सहज स्वाभाविक प्रक्रिया, जो कुछ समझें पढ़ने वाले समझें क्योंकि हम इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकते। कहते हैं खत का मजमून जानिए लिफाफे को देखकर या फिर ये पब्लिक है सब जानती है। जी हां हम जिक्र कर रहे हैं जिला महिला चिकित्सालय के सेल्फी बाज डॉक्टर का। सेल्फी का जुनून इतना है कि कुछ भी कर गुजरने को तैय्यार है। इसे पढ़ने समझने वाले कुछ भी समझें, हम तो सरलता से अपनी बात रख रहे हैं। अब सेल्फी बाज चेहरे के पीछे छिपा राज क्या है ये तो बस खुदा जाने….हालांकि पर्दे के पीछे सेल्फी बाज डाक्टर के चर्चे जरूर हैं। लोगों ने काफी लाग लपेट कर अपनी बाते कहीं हैं, लेकिन हम तो बिना लाग लपेट के अपनी बात रख रहे हैं। बस हम तो यही चाहते हैं कि आगाज अगर अच्छा है तो अंजाम भी अच्छा हो……
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