पीयूष मिश्रा /अश्वनी मिश्रा की खास रिपोर्ट
सिवनी (मप्र), NIT; “मैं हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया”, एक मशहूर फिल्म में दर्शाया गया यह गाना मध्य प्रदेश के सिगरेट पीने वालों के ऊपर सटीक बैठता है। प्रदेश में हर दिन 7 करोड़ रूपये धुएं में उड़ाया जा रहा हैं। जी हां एमपी अजब है, किंतु गजब है, आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि हमारे मध्य प्रदेश के 15 वर्ष से ऊपर वाले लोग हर दिन करीब ₹ 7 करोड़ रुपए सिगरेट के धुएं में उड़ा रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति हर महीने 467 रुपए सिगरेट के शौक में धुएं में उड़ा रहा है।
इतने रूपये में अस्पताल और स्कूल बन सकता है
जी हां सुनने में तो अजीब है किंतु पूरी तरह सत्य है, सिगरेट पीने वाले शौकीन जिस तरह प्रतिदिन ₹ 7 करोड रुपए धुएं में उड़ा रहे हैं इसमें तो 100 बिस्तरों का एक अस्पताल और एक बड़ा स्कूल बन सकता है। सिगरेट पर खर्च होने वाला आंकलन ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (2) 2016-17 मे सामने आया है और यह रिपोर्ट इसी हफ्ते जारी की गई है।
सर्वे के मुताबिक मध्यप्रदेश में 15 साल से ऊपर के लोगों में करीब 10 फ़ीसदी सिगरेट का सेवन करते हैं। इसी हिसाब से प्रदेश का प्रति व्यक्ति हर महीने करीब 467 रुपए हर महीने करीब खर्च करता है। इस खर्च में 7 साल पहले के मुकाबले सिर्फ 77 रुपये की गिरावट आई है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (1) 2009-10 की रिपोर्ट के मुताबिक एक व्यक्ति हर दिन 544 रुपए खर्च कर रहा था। यह सर्वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा केंद्रीय स्वास्थ्य संगठन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर किया है।
यह है खर्च का गणित
मध्य प्रदेश की आबादी लगभग 7 करोड़ से ज्यादा है, इसमें 15 फ़ीसदी से ज्यादा उम्र वाले करीब 65 फ़ीसदी लोग हैं। सर्वे के मुताबिक दिन में 10 फ़ीसदी लोग सिगरेट का सेवन करते हैं। इस तरह सिगरेट पीने वालों का आंकड़ा लगभग 45 लाख है और यही लोग हर महीने 467 रुपए खर्च के मान से रोजाना का खर्च करीब ₹ 7 करोड़ रुपए कर रहे हैं।
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